मौसम ने बदला मिजाज: लंबे सूखे के बाद जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी, पर्यटन स्थलों पर जमी बर्फ

By: Mahesh Palawat | Edited By: Mohini Sharma
Dec 23, 2025, 2:00 PM
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जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी, प्रतीकात्मक फोटो

मुख्य मौसम बिंदु

  • लंबे सूखे के बाद कश्मीर में अच्छी बर्फबारी दर्ज
  • पर्यटन स्थलों पर 5 इंच तक ताजा बर्फ जमी
  • होटल और पर्यटन उद्योग को बड़ा लाभ
  • 27 दिसंबर के बाद फिर व्यापक बर्फबारी की संभावना

लंबे समय तक शुष्क मौसम के बाद आखिरकार कश्मीर घाटी में बर्फबारी देखने को मिली है। इस बर्फबारी से स्थानीय लोगों, किसानों और पर्यटन उद्योग में खुशी की लहर दौड़ गई है। पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में बीते कई हफ्तों से मौसम शुष्क बना हुआ था। इससे पहले 6 अक्टूबर 2025 को केवल बहुत कमय समय के लिए और मध्यम बर्फबारी दर्ज की गई थी। इसके बाद जम्मू-कश्मीर और आसपास के इलाकों में बारिश और बर्फबारी पूरी तरह नदारद रही थी।

पर्यटन के ‘गोल्डन ट्रायंगल’ में जमी बर्फ

21 और 22 दिसंबर को हुई मध्यम से भारी बर्फबारी के साथ यह लंबा सूखा दौर समाप्त हुआ। इस दौरान कश्मीर के लगभग सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों और लद्दाख के कुछ हिस्सों में अच्छी बर्फबारी दर्ज की गई। कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन “गोल्डन ट्रायंगल” गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग में रविवार, 21 दिसंबर को करीब 5 इंच ताजा बर्फ जम गई। ताजा बर्फ की सफेद चादर ने पूरे इलाके की खूबसूरती बढ़ा दी है, जिससे कश्मीर घाटी में क्रिसमस और नए साल के जश्न के लिए अनुकूल माहौल बन गया है।

विंटर स्पोर्ट्स और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

बर्फबारी के साथ ही शीतकालीन खेल गतिविधियों को नई ऊर्जा मिली है। गुलमर्ग के स्की रिसॉर्ट्स में आने वाले दिनों में पर्यटकों की संख्या में तेज बढ़ोतरी की उम्मीद है। इससे होटल, आतिथ्य और पर्यटन क्षेत्र को बड़ा सहारा मिलेगा, जो लंबे समय से लगातार बर्फबारी का इंतजार कर रहा था ताकि पीक विंटर सीजन की सही शुरुआत हो सके।

पर्यावरण और कृषि के लिए भी अहम बर्फबारी

पर्यटन के अलावा बर्फबारी क्षेत्र की पारिस्थितिकी और कृषि के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है। ताजा बर्फ ग्लेशियरों को पुनर्जीवित करने में मदद करती है, गर्मियों के महीनों में पानी की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करती है और पूरे हिमालयी क्षेत्र में शीतकालीन फसलों को सहारा देती है।

हिमाचल में सीमित बर्फबारी, उत्तराखंड अब भी इंतजार में

पश्चिमी हिमालय के अन्य हिस्सों में, हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में भी बर्फबारी हुई है, हालांकि इसकी तीव्रता और क्षेत्रीय विस्तार सीमित रहा। वहीं उत्तराखंड में अभी तक मौसम की पहली व्यापक और प्रभावी बर्फबारी का इंतजार बना हुआ है।

आगे का पूर्वानुमान फिर सक्रिय होगा पश्चिमी विक्षोभ

आने वाले दिनों में मौसम परिस्थितियां एक बार फिर अनुकूल बनी हुई हैं। 27 दिसंबर के आसपास एक और पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र की ओर बढ़ सकता है। इसके प्रभाव से 28 से 31 दिसंबर के बीच पहाड़ी इलाकों में व्यापक बर्फबारी होने की संभावना है।

नए साल की शुरुआत बर्फ के साथ संभव

इस संभावित सिस्टम के चलते जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में नए साल का आगाज ताजा बर्फबारी के साथ हो सकता है। इससे हिमालयी क्षेत्रों में पीक विंटर की स्थिति पूरी तरह स्थापित हो जाएगी।

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Mahesh Palawat
Vice President of Meteorology & Climate Change
Mr. Palawat, Vice President of Meteorology & Climate Change, is a former Air Force boxer and a passionate weather enthusiast. Dedicated to tracking and predicting weather for the benefit of farmers and the general public, he has been an integral part of Skymet since its inception.
FAQ

बर्फबारी से पर्यटन, ग्लेशियर संरक्षण, जल उपलब्धता और कृषि को लाभ मिलता है।

गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग में सबसे ज्यादा बर्फबारी दर्ज की गई।

27 दिसंबर के बाद पश्चिमी विक्षोभ से पहाड़ों में फिर बर्फबारी की संभावना है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही जानकारी देने का प्रयास करते हैं, लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।

Skymet भारत की सबसे बेहतर और सटीक निजी मौसम पूर्वानुमान और जलवायु इंटेलिजेंस कंपनी है, जो देशभर में विश्वसनीय मौसम डेटा, मानसून अपडेट और कृषि जोखिम प्रबंधन समाधान प्रदान करती है