आइए जानते हैं कैसा रहेगा हरियाणा 18 से 24 नवंबर के बीच एक सप्ताह के दौरान मौसम का हाल।
हरियाणा में पिछले सप्ताह 15 नवंबर को दो महीनों से अधिक समय के इंतज़ार पर बारिश हुई। इससे पहले यानि 14 अक्टूबर तक हरियाणा में पोस्ट मॉनसून सीजन (1 अक्टूबर के बाद से अब तक) में बारिश में 100% की कमी बनी हुई थी। 15 नवंबर को हुई बारिश की मदद से अब यह कमी घटकर सामान्य से 55% कम रह गई है।
इस सप्ताह हरियाणा में लगभग सभी शहरों में मौसम साफ और शुष्क रहने की संभावना है। हालांकि 18 और 19 नवंबर को उत्तर भारत में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ मौसम को प्रभावित करेगा। यह सिस्टम पिछले सिस्टम जितना प्रभावी नहीं होगा इसके बावजूद हरियाणा के तराई वाले शहरों पंचकुला, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में आंशिक बादलों के साथ बूँदाबाँदी यह हल्की वर्षा होने की संभावना रहेगी।
20 नवंबर से हरियाणा पर ठंडी हवाएँ चलनी शुरू होंगी जिसके प्रभाव से हरियाणा के विभिन्न भागों में दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। हिसार, सिरसा, करनाल और पंचकुला जैसे शहरों में तापमान में 4-5 डिग्री तक की बड़ी गिरावट हो सकती है।
हरियाणा के किसानों के लिए इस हफ्ते की एड्वाइज़री
मौसम के मुख्यतः शुष्क रहने के अनुमान को देखते हुए किसानो को चाहिए की समय पर बीजी गई सरसो व राया की फसलों में आवश्यकतानुसार पानी दें। इस मौसम में सरसों व राया की फसलों में सफ़ेद फफोले वाली बीमारी होने की आशंका रहती है, इसके नियंत्रण हेतु 600 ग्राम डाईथेन एम-45 को 200-300 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़कें। वर्तमान के मौसम में गेहूं की फसल में खर-पतवारों मे बढ़ोतरी देखी जा सकती है, इसका समय पर नियंत्रण करना अति आवश्यक है। मौसम के शुष्क रहने के अनुमान को देखते हुए किसानों को चाहिए की गेहूँ में शाकनाशी के छिड़काव को सम्पन्न करें।
जंगली मटर, कंडाई और हिरण खुरी के नियंत्रण हेतु 600 ग्राम 2,4-डी सोडियम साल्ट 80% या 600 मि.ली. एस्टर 200 लीटर पानी में मिलाकर बिजाई के 30-35 दिन बाद प्रति एकड़ की दर से छिड़कें। जंगली पात के नियंत्रण हेतु गेहूं की बिजाई के 30-35 दिन बाद 8 ग्राम मेटस्लफ्यूरोन 200-250 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से फ्लैट फैन नोज़ल से स्प्रे करें।
धान-गेहूँ फसल चक्र वाले खेतो में टॉपिक/मुल्ला/प्वाइंट-15% घु.पा. 160 ग्राम प्रति एकड़ 35 दिन बाद या प्यूमा सुपर 10 ई.सी. 480 मि.ली. प्रति एकड़ 35 दिन बाद या लीडर/सफल 75/ऐस.ऍफ़-10 75% घु.पा. 13 ग्राम प्रति एकड़ 20-35 दिन बाद या ग्रास्प 10 ई.सी. 1400 मि.ली. प्रति एकड़ 30 दिन बाद 250 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करें।
मसूर की पछेती बिजाई इस माह के अंतिम सप्ताह तक कर सकते हैं, इसके लिए 18-20 कि.ग्रा. बीज प्रति एकड़ डाले तथा 15 कि.ग्रा. यूरिया तथा 100 कि.ग्रा. सुपर फोस्फेट प्रति एकड़ अवश्य ड्रिल करें। गेहूँ की पछेती बिजाई के लिए राज-3765, डब्लू.एच-1121, एस-308, पी.बी.डब्लू-373 आदि किस्मों का प्रयोग करें, भूमि का स्वास्थ्य बनाए रखने हेतु बिजाई हैप्पी सीडर से करें।
Image credit: The Economic Times
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