आइए जानते हैं कैसा रहेगा हरियाणा में 22 से 28 जुलाई के बीच एक सप्ताह के दौरान मौसम का हाल।
पिछले हफ्ते हरियाणा के अधिकांश जिलों में मध्यम से भारी वर्षा देखने को मिली। 21 जुलाई तक हरियाणा में सामान्य से 7% अधिक वर्षा हुई है। आज 22 जुलाई को भी हरियाणा के अधिकांश भागों में वर्षा की गतिविधियां जारी रहने के आसार हैं।
23 जुलाई से हरियाणा के अधिकांश हिस्सों में मौसम एक बार फिर शुष्क हो जाएगा। 23 से 26 जुलाई के बीच हरियाणा में आमतौर पर साफ और शुष्क मौसम रहेगा। हालांकि इस दौरान एक-दो स्थानों पर गर्जना के साथ हल्की बारिश का झोंका थोड़े समय के लिए आ सकता है।
27 और 28 जुलाई से वर्षा की गतिविधियों में एक बार फिर वृद्धि होने की संभावना है। उस समय भी राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है।
हरियाणा के किसानों के लिए इस हफ्ते की एड्वाइज़री
फसलों में सिंचाई, कीटनाशकों व शाकनाशी का छिड़काव और उर्वरकों का प्रयोग मौसम के अनुसार ही करें। धान की फसल में इस समय 5-6 से.मी. से अधिक पानी न रहने दें। मिर्ची की रोपाई के लिए खेतों को 10 टन गोबर की खाद प्रति एकड़ की दर से देकर तैयार करें।
कपास में बिजाई के 40-45 दिनों के बाद सूखी गुड़ाई के बाद ट्रैफलान 0.8 लीटर/एकड़ या स्टोम्प 30 ईसी 1.25 लीटर/एकड़ को 200-250 लीटर पानी में घोलकर उपचार करके सिंचाई करने से खरपतवारों का नियंत्रण हो जाता है।
बढ़ती आर्द्रता के साथ फसलों में कई प्रकार के कीटों और रोगों के प्रकोप की संभावना बढ़ गई है। कपास की फसल में बालों वाली सूँडी, पत्ता लपेट सूँडी, कुब्ब्ड़ कीड़े या चित्तीदार सूँडी आदि का आक्रमण जुलाई अंत से मध्य अगस्त तक बना रहता है। रोकथाम के लिए 600 मिली क्विनॉलफॉस (एकालक्स) 25 ई.सी. या 75 मि.ली. स्पाईनोसैड (ट्रैसर) 75 एस.सी. या 1 लीटर नीम (अचूक निम्बीसीडीन) प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें।
कपास में हरा तेला व सफ़ेद मक्खी की रोकथाम के लिए 40 मि.ली. कोन्फ़िडोर या 40 ग्राम एकतारा या 250-350 मि.ली. 120-150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ 15 दिन के अंतर पर छिड़कें। पहला छिड़काव तब करें जब 20% पूरी तरह से विकसित पत्ते किनारो से पीले होकर मुड़ने लगें।
Image credit: Punjab Khurki
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