हरियाणा में इस समय मौसम शुष्क है। 26 फरवरी से 3 मार्च के बीच राज्य में कुछ समय ऐसा होगा जब बारिश नहीं होगी और कुछ दिन बारिश वाले होंगे।
26 और 27 फरवरी को राज्य के ज़्यादातर हिस्सों में मौसम शुष्क बना रहेगा। लेकिन तेज़ धूप नहीं होगी। 28 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पास एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ आ रहा है। इसी सिस्टम के साथ उत्तर भारत के मैदानी हिस्सों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनेगा।
28 फरवरी की शाम या रात से बारिश शुरू होगी और 1 मार्च तक राज्य के कुछ हिस्सों में रुक-रुक कर गर्जना के साथ बारिश देखने को मिलेगी।
पंचकुला, चंडीगढ़, अंबाला, करनाल, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, फ़तेहाबाद, सिरसा, सोनीपत, पानीपत, पलवल, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी, झज्जर, रोहतक, हिसार और जींद समेत अधिकतर जिलों में वर्षा होगी।
क्या है हरियाणा के किसानों के लिए फसल सलाह
28 फरवरी से वर्षा जारी होने के अनुमान को देखते हुए किसानों को सुझाव है कि तैयार हो चुकी फसलों की तुरंत कटाई करके सुरक्षित स्थानों पर रख लें। सिंचाई व छिड़काव अभी स्थगित कर दें।
मौसम साफ हो जाने पर आगामी फसलों के लिए खेतों की तैयारी शुरू कर दें और बुआई भी शुरू की जा सकती है। गन्ने में दीमक तथा कनसुआ की रोकथाम के लिए बिजाई के समय प्रति एकड़ 2.5 लीटर क्लोरपाइरीफोस 20 ई.सी. या 600 मि.ली. फिप्रोनिल 5 एस.सी. को 600 से 1000 लीटर पानी में फव्वारे द्वारा खूड़ों में पोरियों के ऊपर डालें तथा खूड़ों को उपचार के बाद तुरंत सुहागा लगाकर बंद कर दें।
मौसम में हो रहे बदलाव के कारण चने की फसल में फली छेदक सूँडी का प्रकोप हो सकता है, इससे बचाव के लिए 200 मिली मोनोक्रोटोफॉस 36 एस.एल. या 400 मि.ली. क्यूनॉलफॉस 25 ई.सी. को 100 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।
Image credit: The Indian express
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