मॉनसून सीज़न में उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में भीषण बारिश और बाढ़ की चुनौती आमतौर पर बनी रहती है। भले ही इस दौरान राज्य के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों में मौसम शुष्क रहे। इस समय मौसमी परिदृश्य उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश के लिए अनुकूल दिखाई दे रहा है। मॉनसून की अक्षीय रेखा जल्द ही हिमालय के तराई क्षेत्रों में फिर से पहुंचेगी जिसके चलते पूर्व में गोरखपुर से लेकर पश्चिम में लखीमपुर खीरी तक कई ऐसे इलाके होंगे जिनमें अगले 2 दिनों के दौरान भीषण बारिश की संभावना है।
हिमालय के तराई क्षेत्रों में स्थित उत्तर प्रदेश के जिलों में भीषण वर्षा का कारण पश्चिमी विक्षोभ भी होता है। जम्मू कश्मीर पहुँचने के बाद पश्चिमी विक्षोभ आगे दो दिशाओं में बंट जाता है। इसका एक भाग जहां चीन की तरफ निकल जाता है वही नमी लेकर आ रहा दूसरा हिस्सा पहुंचता है हिमालय के नीचे तराई क्षेत्रों में, जो तराई में पहले से ही मौजूद ट्रफ के साथ मिलकर भीषण वर्षा देता है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 11 और 12 अगस्त को ऐसी स्थिति बनती दिखाई दे रही है। हमारा अनुमान है कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी तराई क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ और मॉनसून ट्रफ का संगम होगा जिसके चलते इन भागों में मौसम की चुनौती बढ़ जाएगी। अनुमानों के अनुसार 11-12 अगस्त को महराजगंज, कुशीनगर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर और गोरखपुर सहित आसपास के कई इलाकों में मूसलाधार वर्षा हो सकती है। इन भागों में बारिश में 13 अगस्त से कुछ कमी आएगी लेकिन हल्की से मध्यम बारिश कई जगहों पर जारी रह सकती है। इसके अलावा नदियों में भी पानी के स्तर में गिरावट आने में समय लगेगा।
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भीषण बारिश के चलते इन जिलों में नदियां उफान पर होंगी, कई गाँव जलमग्न हो सकते हैं, फसलें पानी में डूब सकती हैं। अगले 2-3 दिनों के दौरान उत्तर प्रदेश के अलावा नेपाल में भी भीषण वर्षा होने के आसार हैं। गौरतलब है कि नेपाल में होने वाली भारी वर्षा से भी उत्तर प्रदेश के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है। अनुमान है कि मध्य से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश तक घाघरा, शारदा, गोमती और राप्ती नदियां अगले कुछ दिनों के दौरान खतरे के निशान से ऊपर पहुँच सकती हैं। सरयू में भी पानी बढ़ने सेफ़ैज़ाबादसहित कई निचले इलाके भी बाढ़ की ज़द में आ सकते हैं।
संभावित भीषण बारिश और बाढ़ की आशंका के बीचगोरखपुर, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, महराजगंज और कुशीनगर में आम जनता को अगले 2-3 दिनों तक बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसके अलावा विषम स्थितियों से निपटने के लिए प्रशासन को भी तैयार रहने की आवश्यकता है।
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी मॉनसून की सक्रियता बनी रह सकती है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसारलखनऊ,वाराणसी,आगराऔरइलाहाबादमें भी हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है।कानपुरऔरझाँसीसहित दक्षिणी सीमावर्ती जिलों में वर्षा में कमी के आसार हैं।
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