भारत में इस साल गर्मी कुछ अधिक ही बेरहम हो रही है। मौसम का सबसे अधिक सख्त रुख पूरे ग्रीष्म ऋतु में आमतौर पर मई और जून में देखने को मिलता है, लेकिन इस वर्ष का मौसमी मिजाज़ कुछ अलग है। अप्रैल की शुरुआत तेज़ गर्मी के साथ हुई और हर दिन ऐसा लग रहा था जैसे तापमान एक नया रिकॉर्ड कायम करेगा। तेज़ धूप ने अप्रैल में ही घर से बाहर निकलना मुश्किल बना दिया।
बीते साल में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भीषण लू के चलते 2500 लोगों की जानें चली गई थीं। इस वर्ष महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान में सामान्य से अधिक तापमान के चलते लू की डरावनी झलक मिल चुकी है। इसमें महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में से है। हालांकि इस समय इन राज्यों में तापमान में कुछ कमी आई है और लोगों को असमय पड़ रही भीषण गर्मी से कुछ राहत मिली है। लेकिन पूर्वी भारत के बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में पारा तेज़ी से ऊपर गया और अधिकांश हिस्सों को लू ने अपनी चपेट में ले लिया। तीनों राज्यों में लू के चलते मौसम बेरहम हो गया है।
देश के उत्तर, मध्य और दक्षिण भारत में जहां अप्रैल की शुरुआत बेहद गर्म मौसम के साथ हुई वहीं पूर्वी भारत में राहत बनी रही और यहाँ अधिकतम तापमान 35 डिग्री के आसपास बना रहा। लेकिन बीते 48 घंटों के दौरान पश्चिम बंगाल और उससे सटे झारखंड में तापमान में 2 से 3 डिग्री की अचानक बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। कोलकाता और बांकुरा सहित पश्चिम बंगाल के कई जिलों में तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है।
बांकुरा में जहां 1 अप्रैल को अधिकतम तापमान 33 डिग्री था वहीं अगले दिन 4 डिग्री बढ़कर 37 हो गया और 7 अप्रैल तक आते आते यह 45 डिग्री के स्तर पर जा पहुंचा, जो बीते एक दशक में रिकॉर्ड है। बांकुरा में अधिकतम तापमान सबसे उच्चतम स्तर पर 15 अप्रैल 1973 को 45.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था। स्काइमेट के अनुसार अगले कुछ दिनों तक मौसम में कोई बदलाव नहीं होने वाला है जिससे संभावना है कि बांकुरा में अधिकतम तापमान और ऊपर जाते हुए कोई और रिकॉर्ड कायम करेगा।
राजधानी कोलकाता में भी लोगों का गर्मी से बुरा हाल है। इस पूर्वी महानगर में अधिकतम तापमान बढ़ते हुए 40.1 डिग्री पर पहुँच चुका है जो इस ऋतु में सबसे अधिक है। बिहार के भी कई इलाके लू की चपेट में हैं क्योंकि अधिकांश भागों में दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रिकॉर्ड किया जा रहा है। इस समय के मौसमी परिदृश्य के अनुसार पूर्वी भारत के राज्यों में अगले कुछ दिनों तक बारिश होने की संभावना नहीं है जिससे मौसम भीषण रूप से गर्म और शुष्क ही बना रहेगा।
अत्यधिक और असमय पड़ रही इस गर्मी को देखते हुए स्काइमेट का सुझाव है कि खुली धूप में जाने से बचें। बाहर निकलने से पहले पूरे बदन को कपड़ों से ढँक कर रखें। पर्याप्त मात्र में पानी का सेवन करें। पानी अपने साथ अवश्य रखें। खेतों में काम करने वालों को सुझाव है कि दिन के पहले पहर में और शाम के समय काम करें। दोपहर के समय धूप का सबसे अधिक असर होता इसलिए मध्यान्ह में खेतों में काम टाल देना चाहिए।
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