उत्तर प्रदेश में मॉनसून की सक्रियता छोटे-छोटे अंतराल के बाद देखने को मिल रही है। बीते दिनों पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश दर्ज की गई थी। जिससे 1 जून से अब तक पूर्वी भागों में सामान्य से 8 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। हालांकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश कुछ दिनों से सूखा पड़ा है जिससे यहाँ बारिश के आंकड़ों में कमी आ रही है। पश्चिमी भागों में सामान्य से 3 फीसद कम वर्षा हुई है। बीते 24 घंटों के दौरान राज्य के अधिकतर इलाकों में मौसम शुष्क रहा। हालांकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद में 24 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। मेरठ और फुरसतगंज में 4 और बहराइच में 2 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।
राजस्थान से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ होते हुए बंगाल खाड़ी तक बीते दिनों से बनी ट्रफ उत्तरवर्ती हो रही है। इस समय यह ट्रफ उत्तर प्रदेश के दक्षिणी भागों से होते हुए दक्षिणी ओड़ीशा पर बने डिप्रेशन तक पहुँच रही है। आने वाले दिनों में ट्रफ उत्तर प्रदेश के मध्य भागों तक पहुंचेगी जिससे बंगाल की खाड़ी से दक्षिण-पूर्वी आर्द्र हवाओं का प्रवाह राज्य के अधिकांश हिस्सों में बढ़ जाएगा। इसके अलावा ओड़ीशा पर बना डिप्रेशन मध्य होते हुए उत्तर और पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा जिसका प्रभाव उत्तर प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी राज्यों पर देखने को मिलेगा।
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परिणामतः उत्तर प्रदेश के अधिकांश इलाकों में 20 जुलाई से बादलों का प्रभाव बढ़ जाएगा। उत्तर प्रदेश के पूरब से लेकर पश्चिम तक दक्षिणी जिलों में 21 से 23 जुलाई के बीच कई जगहों पर हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना बन रही है। इस दौरान राज्य के बुंदेलखंड क्षेत्र को अच्छी बारिश मिल सकती है। वाराणसी, इलाहाबाद, कानपुर, लखनऊ, बांदा, चित्रकूट, आगरा, मथुरा, मेरठ सहित कई इलाकों में बारिश का वितरण एक समान होने की संभावना है। हालांकि इस दौरान गोरखपुर, बहराइच, गोंडा, बरेली जैसे तराई जिलों में विशेष बारिश की उम्मीद फिलहाल नहीं है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश में हुई बारिश का वितरण समान ना होने से मॉनसून के प्रति किसानों की शिकायत बनी हुई है। लेकिन आगामी संभावित बारिश के दौर से किसानों की यह शिकायत दूर हो सकती है। इस बीच राज्य के अधिकतर इलाकों में आंशिक बादल छाए रहेंगे और कुछ स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना भी बाई रहेगी। राज्य में तापमान सामान्य के आसपास बना हुआ। हालांकि अधिक आर्द्रता के चलते गर्मी और उमस बनी रहेगी।
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