पिछले दिनों पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर भारत पहाड़ियों पर काफी अच्छी बारिश और बर्फबारी दर्ज गई। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में भी अच्छी वर्षा की गतिविधियां देखने को मिलीं। सर्दियों में जब भी उत्तर भारत में मौसम बदलता है, असर मध्य भारत के भी कुछ हिस्सों पर देखने को मिलता है। यही वजह है कि इस साल जनवरी में कई बार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में वर्षा दर्ज की गई।
हालांकि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव बहुत ज़्यादा नहीं होता। लेकिन बेमौसम बरसात का कारण तो यह बन ही जाता है। पिछले दो दिनों के दौरान पूर्वी मध्य प्रदेश में हल्की बारिश हुई है। दोनों राज्यों में एक-दो जगहों पर मध्यम बारिश भी दर्ज की गई।
उत्तर भारत से पश्चिमी विक्षोभ अब दूर चला गया है। साथ ही मध्य भारत के दोनों राज्यों में भी मौसम साफ होने लगा है। मौसम साफ होने के साथ उत्तर भारत के पहाड़ों से बर्फीली ठंडी हवाओं का भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रायपुर, अम्बिकापुर सहित अधिकांश शहरों में दिखने लगा है जिससे दिन और रात के तापमान में गिरावट आई है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 48 घंटों के दौरान इसी तरह की स्थितियाँ रहेंगी जिससे न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री जबकि अधिकतम तापमान मामूली गिरावट होने की उम्मीद की जा सकती है। यानि मौसम सुहावना रहेगा।
English Version: Rain to subside from Madhya Pradesh, Chhattisgarh, temperatures to drop further
अनुमान है कि 2 फरवरी से तापमान में गिरावट का क्रम रुक जाएगा क्योंकि धूप का असर बढ़ने की संभावना है। साथ ही अगले कुछ दिनों के दौरान बारिश की संभावना फिलहाल दोनों राज्यों में दिखाई नहीं दे रही है।
Image credit: Hindusthan Times
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