मध्य भारत में पिछले दिनों के बेमौसम बारिश कुछ इलाकों में देखने को मिली थी। एक बार फिर से ऐसी ही बारिश के लिए मौसम अनुकूल बन रहा है। बारिश की शुरुआत 22 दिसंबर से होगी। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह दौर भी लंबा होगा और 26 दिसंबर तक जारी रह सकता है।
22 दिसंबर से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को हल्की बारिश में भिगोते हुए 23 दिसंबर को मौसम छत्तीसगढ़ के भी कुछ हिस्सों सक्रिय हो जाएगा। इन दो दिनों में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में ओलावृष्टि के साथ मध्यम बौछारें पड़ने की संभावना है।
मुख्य रूप से मध्य महाराष्ट्र और महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में बारिश देखने को मिलेगी। मराठवाड़ा और विदर्भ में फिलहाल हल्की बारिश की संभावना है। पांच दिनों की अवधि के दौरान मुंबई शहर में बादल छा सकते हैं। हालांकि देश की आर्थिक राजधानी में बारिश की संभावना कम है।
बेमौसम बारिश के पीछे कारण
सर्दी के मौसम में देश में बारिश देने वाला मुख्य सिस्टम है पश्चिमी विक्षोभ। लेकिन यह सिस्टम तीनों राज्यों के मौसम को सीधे तौर पर प्रभावित नहीं करता। यही वजह है कि इन राज्यों में आमतौर पर कम बारिश होती है।
इस समय एक चक्रवाती सिस्टम दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश और उससे सटे गुजरात पर है। एक विपरीत चक्रवाती क्षेत्र जल्द ही पूर्वी मध्य प्रदेश और आसपास के छत्तीसगढ़ पर पहुँच जाएगा। अरब सागर के दक्षिण-मध्य भागों पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है, जिसका प्रभाव कोंकण और गोवा क्षेत्र तक पहुँच रहा है।
इन सिस्टमों के चलते मध्य भारत पर पिछले सप्ताह की तरह ही फिर से समुद्रों से आर्द्र हवाएँ आएंगी और उत्तर से शुष्क हवाएँ चलेंगी जिसके चलते 22 से 26 दिसंबर के बीच मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में बारिश होगी।
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