उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पिछले कई दिनों से मध्यम से भारी बारिश हो रही है। जुलाई के अंत और अगस्त की शुरुआत में मानसून की अक्षीय रेखा तलहटी के करीब आगे बढ़ रही थी जिसकी वजह से अच्छी बारिश हुयी थी।
पिछले दो से तीन दिनों के दौरान, देश के केंद्रीय हिस्सों में एक अच्छी तरह से चिन्हित कम दबाव वाले क्षेत्र के प्रभाव के कारण, मानसून की अक्षीय रेखा दक्षिण की ओर राजस्थान और मध्य प्रदेश की तरफ परिवर्तित हो गयी। हालांकि, जम्मू-कश्मीर पर बने मजबूत चक्रवात परिसंचरण के कारण इन तीनों ही पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश दर्ज की गयी।
पिछले 24 घंटों में विभिन्न स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश हुई थी। गुलमर्ग में 34 मिमी, मनाली में 11 मिमी, मंडी में 8 मिमी, टिहरी में 7 मिमी, काजी गुंड में 8 मिमी, देहरादून में 11 मिमी जबकि चंबा में 3 मिमी वर्षा रिकॉर्ड हुयी।
अब अगले 24 घंटों तक उत्तर भारत की पहाड़ियों पर बारिश में कमी आने की संभावना है। हालांकि मध्य प्रदेश पर मौसम प्रणाली कमजोर पड़ने के कारण 11 अगस्त तक मानसून की अक्षीय रेखा एक बार फिर तलहटी पर उत्तर की तरफ चली जाएगी।
इस प्रकार, इन तीनों राज्यों में बारिश की तीव्रता एक बार फिर बढ़ेगी। इसलिए इन इलाकों में बारिश जारी रहेगी। इसके अलावा भूस्खलन और मिट्टी के टीले गिरने जैसे हादसे भी पेश आ सकते हैं।
Image credit: The Hindu
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