दक्षिण पश्चिम मॉनसून अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह के कुछ हिस्सों में समय से थोड़ा पहले पहुंचा है। अब भारत के बाकी हिस्सों में भी मॉनसून का इंतजार शुरू हो गया है। अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के कुछ हिस्सों में मॉनसून सामान्य समय 20 मई से 2 दिन पहले आया। मॉनसूनी हवाएं अब बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका होते हुए केरल सहित भारत के मुख्य भाग पर पहुँचेंगी।
इससे पहले स्काईमेट ने मॉनसून के आगमन का अनुमान जारी किया था जिसमें बताया था कि मॉनसून केरल में सामान्य समय से दो-तीन दिन देरी से यानि 4 जून को आ सकता है। मॉनसून के आगमन अनुमान में 2 दिन का एरर मार्जिन भी बताया था।
केरल में मॉनसून के आगमन की औपचारिक घोषणा के लिए कुछ निश्चित मापदंड होते हैं। इन मापदण्डों के पूर्ण होने पर ही मॉनसून के आगमन की घोषणा की जाती है। यह मापदंड निम्नलिखित हैं:
बारिश: पहला और सबसे महत्वपूर्ण मापदंड है मॉनसून के आने से पहले बारिश का बढ़ना और इसके लिए निर्धारित नियमों के अनुसार 10 मई के बाद केरल, कर्नाटक और लक्ष्यद्वीप के पूर्व निर्धारित 14 स्थानों मिनिकॉय, अमीनी दिवी, तिरुअनंतपुरम, पुनल्लूर, कोल्लम, अलप्पुझा, कोट्टायम, कोची, त्रिशूल, कोझिकोड, थालसरी, कन्नूर, कुडलू और बेंगलुरु में 60% से अधिक स्थानों पर लगातार दो दिन या दो से अधिक दिन 2.5 मिलीमीटर बारिश होने पर दूसरे दिन केरल में मॉनसून के आगमन की घोषणा कर दी जाती है।
Also read in English: AFTER EARLY ARRIVAL IN ANDAMAN, CONDITIONS SLOW DOWN FOR ONSET OF SOUTHWEST MONSOON IN KERALA
हवा: इसके अलावा हवाओं की दिशा में बदलाव दूसरा और महत्वपूर्ण मापदंड है। जब पश्चिमी हवा भूमध्य रेखा के पास से 600 hPa पर चलने लगती है और 5 डिग्री से 10 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 70 डिग्री से 80 डिग्री पूर्वी देशांतर क्षेत्र में हवाओं की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है। तब माना जाता है कि मॉनसून आ गया है।
ओएलआर: इसके अलावा तीसरा कारण है आउटगोइंग लॉन्गवेब रेडिएशन यानी ओ एल आर। ओएलआर 5 डिग्री से 10 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 70 से 75 डिग्री पूर्वी देशांतर के पास 200 mw2 के आस-पास होना जरूरी है।
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 2019 प्रगति: स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार मॉनसून का आगमन निर्धारित समय से 2 दिन पहले अंडमान निकोबार के कुछ भागों में पहुंच गया है। इसके आगे बढ़ने के लिए अगले दो-तीन दिन मौसमी स्थितियां अनुकूल रहेंगी।
यहां हम स्पष्ट कर दें कि समय से पहले मॉनसून के आने और इसके अच्छे प्रदर्शन के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। साथ ही अंडमान व निकोबार में भले ही इस समय से पहले आ जाए लेकिन केरल में जब तक ऊपर बताए गए परिदृश्य पूरे नहीं होते तब तक भारत के मुख्य भू-भाग पर मॉनसून के आगमन की घोषणा नहीं होती।
मौसम से जुड़े ज्यादातर मॉडल्स के अनुसार अगले एक हफ्ते में यह सभी मापदंड अनुकूल बन जाएंगे जिससे केरल में मॉनसून के आने के लिए स्थितियां बन जाएंगी लेकिन इसके बावजूद यह सामान्य समय 1 जून से लगभग 2-3 दिन की देरी से केरल में दस्तक देगा।
Image credit: Irisholidays
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