उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में कल से ही मौसम बदला हुआ है। अगले 24 घंटों के लिए पहाड़ों पर मौसम में दिखेगी शांति। लेकिन 26 और 27 मार्च को मूसलाधार वर्षा से अस्त-व्यस्त हो सकता है सामान्य जन-जीवन।
इस साल मार्च में बेहद सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आ रहे हैं जिसके चलते पहाड़ों पर मौसम का बिगड़ा हुआ रूप देखने को मिल रहा है। कश्मीर, हिमाचल, उत्तराखंड और लद्दाख में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है।
इस समय भी एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर और इससे सटे पाकिस्तान पर पहुंचा है। इसके प्रभाव से मध्य पाकिस्तान और इससे सटे राजस्थान पर एक चक्रवाती सिस्टम बना है। एक अन्य चक्रवाती सिस्टम दक्षिणी पाकिस्तान और इससे सटे राजस्थान पर बना हुआ है।
पहाड़ों पर अगले तीन पड़ सकते हैं भारी
इन सभी सिस्टमों के कारण जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड में 27 मार्च तक भारी वर्षा या बर्फबारी होने की संभावना है। हालांकि 25 मार्च यानि आज मौसम अपेक्षाकृत कम सक्रिय रहेगा। पहाड़ों पर अगले 24 घंटों के दौरान छिटपुट जगहों पर हल्की वर्षा देखने को मिलेगी।
कल यानि 26 मार्च से स्थितियाँ बिगड़ेंगी। अनुमान है कि 26 और 27 मार्च को जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में इन दो दिनों के दौरान कई जगहों पर मध्यम से भारी बारिश और बर्फबारी देखने को मिलेगी।
कश्मीर में कहाँ होगी ज़्यादा बारिश
कश्मीर में बारामूला, पुंछ, कुलगाम, बड़गाम, पुलवामा, रामबन, डोडा, कठुआ, ऊधमपुर, जम्मू सहित कई जिलों में भारी बारिश की आशंका है। वैष्णो देवी में भी भारी वर्षा के आसार हैं। लद्दाख में फिलहाल हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है।
हिमाचल के इन शहरों में तेज़ वर्षा के आसार
इसी तरह हिमाचल प्रदेश में चंबा, कांगड़ा, धर्मशाला, हमीरपुर, उना, मंडी, कुल्लू, सोलन, शिमला और शिरमौर में मध्यम से भारी बारिश देखने को मिल सकती है।
उत्तराखंड भी होगा प्रभावित
उत्तराखंड में उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। राज्य के बाकी हिस्सों में भी 26 और 27 मार्च को हल्की बारिश हो सकती है।
उत्तर भारत के पहाड़ों पर संभावित बारिश और हिमपात के कारण जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 25 से 27 मार्च के बीच कुछ स्थानों पर हिमस्खलन और भूस्खलन की भी आशंका है। कई रास्ते बंद हो सकते हैं। साथ ही तापमान में 2 से 4 डिग्री की गिरावट हो सकती है।
Image credit: Blog Financial Times
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