केरल में लगभग एक सप्ताह की देरी के बाद पिछले 24 घंटों के दौरानदक्षिण पश्चिम मॉनसून 2019ने आखिरकार दस्तक दे दी। अब अगले 48 घंटों के दौरान, दक्षिण अरब सागर, लक्षद्वीप और केरल के बाकी हिस्सों में मानसून के प्रगति के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हैं।
इसके अलावा, तमिलनाडु के कुछ और हिस्से, दक्षिण-पश्चिमी, दक्षिण-पूर्वी, पूर्व-मध्य और पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी तथा मध्य अरब सागर और पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्से मेंमॉनसून की प्रगतिके लिए मौसमी स्थितियां अनुकूल है।
पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ भागों में दक्षिण पश्चिम मानसून की प्रगति के लिए स्थितियां अनुकूल बनी हुई है। इस मौसमी स्थिति के कारण सिक्किम, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, असम के ऊपरी हिस्सों और अरुणाचल प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। बीते 24 घंटों के दौरान,पूर्वोत्तर राज्योंके बाकी बचे हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश रिकॉर्ड की गयी।
पिछले 24 घंटों में यानि शनिवार को सुबह 08:30 बजे से, गंगटोक में 73 मिमी, इसके बाद पासीघाट 59 मिमी, चेरापूंजी 47 मिमी, उत्तरी लखीमपुर 47 मिमी, सिलीगुड़ी 47 मिमी, डिब्रूगढ़ 41 मिमी, अगरतला 15 मिमी , बारापानी 10 मिमी, कैलाशहर और जोरहाट 9 मिमी, शिलांग 8 मिमी, कोहिमा 6 मिमी, लेंगपुई और मज़बत 5 मिमी और कालिम्पोंग 4 मिमी की भारी बारिश दर्ज की गई।
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यह बारिश बंगाल के उत्तर पश्चिमी खाड़ी तथा उससे सटे गंगीय पश्चिम बंगाल तथा बांग्लादेश के भागों में मौजूद एक चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण हुई। इस प्रणाली से बिहार के पूर्वी हिस्सों तक फैली एक ट्रफ रेखा भी इन मौसमी गतिविधियों को बढ़ा रही है। बंगाल की खाड़ी से चल रही उमस भरी हवाएं पूर्वोत्तर राज्यों पर जारी है।
स्काइमेट के मौसम जानकारों के अनुसार, भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में भी इसी तरह की मौसम की स्थिति जारी रहेगी। असम के ऊपरी हिस्सों और उससे सटे अरुणाचल प्रदेश के भागों में भारी वर्षा होने की आशंका है, क्योंकि इस समय पश्चिमी विक्षोभ उच्च अक्षांशों पर घूम रहा है।
Image credit:The Atlantic
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