मॉनसून के आगमन से पहले देश के विभिन्न भागों में मार्च से मई के बीच रुक-रुक कर प्री-मॉनसून वर्षा होती है जिससे गर्मी के प्रचंड प्रकोप से लोगों को व्यापक राहत मिलती रहती है। इस बार भी कहानी अलग नहीं है और अंतराल पर प्री-मॉनसून गतिविधियां कई स्थानों पर देखने को मिल रही हैं। हालांकि गुजरात और दक्षिणी राजस्थान इस बारे में अपवाद हैं और यहाँ लंबे समय से बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी है जिसके चलते इन भागों में पारा बढ़ता जा रहा है।
गुजरात और दक्षिणी राजस्थान कई स्थानों पर तापमान सामान्य से काफी ऊपर पहुँच गया है। कांडला, पोरबंदर और वेरावल में दिन का तापमान सामान्य से 7-8 डिग्री ऊपर रिकॉर्ड किया जा रहा है। इसके अलावा सूरत, इडार, फलौदी, राजकोट, दीसा और बीकानेर में भी तापमान 40 डिग्री से अधिक दर्ज किया जा रहा है। गुजरात और राजस्थान में प्रमुख स्थानों पर पिछले 24 घंटों के दौरान रिकॉर्ड किया गया तापमान नीचे टेबल में दिया गया है।
इस समय गुजरात और दक्षिणी तथा दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान में उत्तर और उत्तर पश्चिमी शुष्क एवं गर्म हवाएँ चल रही हैं। मौसम पूरी तरह से शुष्क बना हुआ है और सूरझ आग का गोला बना हुआ है। अगले कुछ दिनों के दौरान दोनों राज्यों के मौसम में कोई बदलाव अपेक्षित नहीं है। जिससे हमारा अनुमान है कि तापमान में और वृद्धि होगी तथा गर्मी अपना प्रचंड रूप अख़्तियार करेगी।
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मौसमी विशेषज्ञों के अनुसार 40 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ अगर हवाओं में नमी बढ़ जाती है पसीने वाली गर्मी असहनीय हो जाती है। गुजरात के तटीय भागों में इस समय हवा में आर्द्रता काफी अधिक है जिससे लोगों को काफी असहज मौसम का सामना करना पड़ रहा है। मौसम की इस स्थिति को देखते हुए सुझाव है कि खुली धूप में कम से कम निकलें, आवश्यक एहतियात बरतें, पानी खूब पिएँ और बाहर जाते समय ध्यान रखें कि बदन कपड़े से ढंका रहे।
Image credit: DeshGujarat
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