[Hindi] अहमदाबाद में 100 मिमी से भी ज्यादा हुयी बारिश; राजकोट, वडोदरा में बाढ़ का खतरा

August 17, 2018 5:50 PM|

rain in gujaratगुजरात में अगस्त के महीने में मानसूनी बारिश की धीमी शुरुआत हुई थी। वास्तव में, इस महीने राज्य में मानसूनी बारिश अब तक बहुत कम रही है और पिछले दस दिनों तक तो मौसम बिलकुल ही शुष्क रहा। इस वजह से राज्य में वर्षा की कमी का आंकड़ा काफी बढ़ गया था।

हालांकि पिछले 24 घंटों में राज्य में अलग-अलग जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश हुयी जबकि कुछ इलाकों में भारी बारिश दर्ज की गयी। इस वजह से राज्य में वर्षा की स्थिति में सुधार हुआ। 16 अगस्त तक गुजरात क्षेत्र में बारिश की कमी का आंकड़ा 22% था जबकि सौराष्ट्र और कच्छ में सामान्य औसत से 32% कम वर्षा हुयी थी।

गुरुवार को सुबह 08:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान वल्लभ विजयनगर में 85 मिमी बारिश दर्ज की गयी, जबकि सूरत में 51 मिमी, अहमदाबाद में 31 मिमी, भावनगर में 23 मिमी, वलसाड में 16 मिमी, इदर में 10 मिमी, सुरेंद्रनगर में 6 मिमी और वेरावल में 3 मिमी बारिश हुयी।

स्काईमेट वेदर के अनुसार ये बारिश इसलिये हुयी है, क्यूंकि उड़ीसा और उससे लगे छत्तीसगढ़ के ऊपर मौजूद डिप्रेशन पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा था। अब यह सिस्टम  कमज़ोर हो गया है। फ़िलहाल यह सिस्टम निम्न दबाव का क्षेत्र के रूप में दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश और उससे सटे गुजरात और उत्तर मध्य महाराष्ट्र के इलाकों पर मौजूद है।

इस निम्न दबाव का क्षेत्र के अब पश्चिम उत्तरपश्चिम दिशा में स्थानांतरित होने की संभावना है और ये अरब सागर के करीब होते हुये आगे बढ़ सकता है। इस वजह से इस क्षेत्र में पर्याप्त नमी मौजूद रहेगी, जिससे पूरे राज्य में, खास तौर से उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र क्षेत्र में भारी बारिश होगी।

स्काईमेट वेदर स्थानीय लोगों को संभावित बाढ़ के खिलाफ सावधानी बरतने की सलाह भी देता है क्योंकि मूसलाधार बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो सकते हैं। अहमदाबाद, वडोदरा, गांधीनगर, दीसा, वेरावल, इदर, राजकोट और भुज के इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

ये बारिश दक्षिण राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, उत्तर मध्य महाराष्ट्र और उत्तरी कोंकण के मौसम को भी प्रभावित करेगी। अगले 48 घंटों तक राज्य में बारिश जारी रहने की उम्मीद है और इसलिए सावधानी बरतने की हिदायत दी जा रही है।

उसके बाद, डिप्रेशन धीरे-धीरे कमजोर होने की संभावना है। हालांकि वातावरण में मौजूद पर्याप्त नमी के कारण ऐसा होने में थोड़ा वक़्त लगेगा। इसके अलावा, आगामी दिनों में होने वाली बरसात से, वर्षा में कमी के आकंड़े में सुधार होने की पूरी संभावना है।

Image credit: Hero Miles

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