अगस्त में पंजाब और हरियाणा में विशेष बारिश नहीं हुई। हालांकि अगस्त की विदाई अच्छी बारिश के साथ हुई है। कह इस समय के मौसम को देखते हुए कह सकते हैं कि सितंबर की शुरुआत भी मॉनसून फुहारों के बीच हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान दोनों राज्यों के कुछ इलाकों में अच्छी बारिश हुई है। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले 24 से 48 घंटों तक पंजाब और हरियाणा के कुछ इलाकों में बारिश की गतिविधियां बनी रहेंगी।
बृहस्पतिवार की सुबह 8:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान रोहतक में 72 और लुधियाना में 43 मिलिमीटर की भारी बारिश हुई। पटियाला में 15 मिलीमीटर, अमृतसर में 12.8, जालंधर में 10, करनाल में 3 और हिसार में 2 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। दिल्ली में गरज और वर्षा वाले बादलों की ताज़ा स्थिति जानने के लिए नीचे दिए गए मैप पर क्लिक करें।
मॉनसून की अक्षीय रेखा उत्तर भारत में आई गई है। इसके अल्वा जम्मू कश्मीर के पास एक पश्चिमी विक्षोभ भी बना हुआ है जिसके चलते हरियाणा और पंजाब के मौसम ने करवट ली है। मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय श्रीगंगानगर से फ़तेहाबाद, बरेली, गोरखपुर और कोलकाता होते हुए बंगाल की खाड़ी में पहुँच रही है। मॉनसून ट्रफ की स्थिति में बदलाव के चलते पंजाब और हरियाणा सहित उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी आर्द्र हवाएँ चल रही हैं।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर भारत के दोनों मैदानी राज्यों पंजाब और हरियाणा में अगले 2 सितंबर तक कई जगहों में बारिश जारी रह सकती है। अमृतसर, चंडीगढ़, अंबाला, लुधियाना, जालंधर, करनाल, पटियाला और हिसार सहित आसपास के भागों में उसके 2 सितंबर के बाद भी आंशिक बादल छाए रहेंगे और हल्की वर्षा कहीं-कहीं देखने को मिलेगी।
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पंजाब और हरियाणा में इस मॉनसून सीज़न में बारिश सामान्य से काफी कम हुई है। पंजाब में 1 जून से 1 सितंबर तक कुल 339.5 मिलीमीटर बारिश हुई है जो सामान्य से 16 प्रतिशत कम है। इसी तरह हरियाणा में 27 प्रतिशत कम 278.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
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