मौसम के बदलते मिजाज़ के लिहाज से दिल्ली सहित देश भर के लिए अक्तूबर बदलाव का महीना होता है। इस समय तक मॉनसून समूचे देश से वापस लौट चुका होता है। हालांकि कभी-कभी मॉनसून की वापसी में देरी भी देखने को मिली है, जिससे अक्तूबर के पहले पखवाड़े में राजधानी में बारिश देखने को मिली है। अक्तूबर के पहले 2 हफ्ते कुछ बारिश के लिए अनुकूल होते हैं।
दिल्ली में अक्तूबर में औसतन 17.3 मिलीमीटर बारिश होती है। इस बारिश का भी अधिकांश हिस्सा महीने के शुरुआत में ही देखने को मिलता है क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ का आना धीरे-धीरे कम हो जाता है। अक्तूबर में बारिश तभी होती है जब उत्तर भारत के भागों में मॉनसूनी हवाएँ हिमालयी भागों पर बने पश्चिमी विक्षोभ के साथ मिलती हैं। लेकिन चूंकि मॉनसून उत्तर-उत्तर पश्चिम भारत से वापस हो चुका है इसलिए इन भागों में मॉनसूनी हवाओं की मौजूदगी की संभावना ना के बराबर है।
इस माह के दूसरे पखवाड़े से मौसम बदलने की पूरे आसार हैं। अक्तूबर की शुरुआत में पारा 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा था, जो इस समय 36-37 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। मौसमी परिदृश्य संकेत कर रहा है कि अक्तूबर के अंत तक दिल्ली में अधिकतम तापमान घटकर 30 डिग्री सेल्सियस तक आ सकता है। इसी तरह न्यूनतम तापमान भी लगभग 5 डिग्री तक कम होकर 17 डिग्री सेल्सियस के स्तर पर आ सकता है।
बीते 5 वर्षों के बारिश के आंकड़े देखें तो अक्तूबर में सामान्य से अधिक बारिश एक बार हुई है। वर्ष 2013 के अक्तूबर माह में 72.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी जो औसत की 17.3 मिलीमीटर से कहीं अधिक थी। हालांकि मॉनसून की वापसी के बाद 2015 के अक्तूबर में भी दिल्ली में बारिश के आसार बहुत कम हैं।
राजधानी दिल्ली में इस समय दोपहर में लोगों को तेज़ गर्मी का सामना करना पड़ रहा है जिसमें धीरे-धीरे कमी आने लगेगी। इस महीने के मध्य से राजधानी दिल्ली में पारा गिरने की शुरुआत हो जाएगी।
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