लंबे इंतज़ार के बाद बीते कुछ दिनों के दौरान उत्तर भारत को हाड़ कंपा देने वाली सर्दी का अनुभव करने को मिला। फिलहाल दो दिनों से शीतलहर बंद हुई है और कड़ाके की सर्दी से भी राहत मिली है। दिल्ली तथा एनसीआर में सोमवार की सुबह कोहरा मुक्त हुई। वर्तमान मौसमी परिदृश्य संकेत दे रहा है कि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब के कुछ भागों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगभग सभी स्थानों पर शीतलहर से फिलहाल राहत जारी रहेगी।
उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के आते ही मैदानी राज्यों में पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवाओं के प्रवाह में बाधा आती है। गौरतलब है कि पहाड़ों पर 14 जनवरी को एक पश्चिमी विक्षोभ आया, जो पर्वतीय राज्यों में वर्षा और हिमपात करने के बाद पूर्व में निकल गया। लेकिन उसके पीछे से एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ उत्तर में पहुँच गया है जो उत्तर-पश्चिमी सर्द हवाओं को मैदानी भागों में पहुँचने से रोकेगा।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि एक के बाद एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभों के उत्तर भारत में पहुँचने का सिलसिला इस पूरे महीने जारी रहेगा। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में रुक-रुक कर वर्षा और बर्फबारी की गतिविधियां भी देखने को मिलेंगी जिससे हम अंदाज़ा लगा सकते हैं कि अब मैदानी राज्यों में शीतलहर प्रभावित नहीं करेगी। दिल्ली सहित उत्तर भारत में तापमान में आई व्यापक बढ़ोत्तरी को तुलनात्मक रूप में हम समझ सकते हैं क्योंकि शनिवार को दिल्ली में जहां न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया वहीं दूसरी ओर सोमवार को पारा बढ़कर 8.9 डिग्री तक पहुँच गया।
उत्तर भारत के अन्य भागों में भी न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रिकॉर्ड किया गया। अमृतसर में 7 डिग्री, फ़िरोज़पुर में 9.5 डिग्री, फ़रीदाबाद में 9.4 डिग्री और गुरुग्राम में 8.6 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कुछ ऊपर या सामान्य के आसपास बना रहेगा जिससे कड़ाके की ठंड की वापसी की उम्मीद ना के बराबर है।
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