मध्य भारत को अब मॉनसून राहत देने वाला है। लेकिन मध्य प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी भागों पर अभी 12 घंटे भारी रहेंगे क्योंकि मध्य प्रदेश पर एक चक्रवाती क्षेत्र प्रभावी है। इसके चलते इंदौर, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर सहित आसपास के इलाकों में मध्यम से भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है।
मध्य प्रदेश के बाकी हिस्सों के साथ छत्तीसगढ़ और विदर्भ में भी कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। दूसरी ओर गुजरात के पास बने चक्रवाती क्षेत्र के प्रभाव से गुजरात के दक्षिण पूर्वी भागों सहित महाराष्ट्र के बाकी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। मुंबई में भी मध्यम बारिश के आसार हैं। पूर्वी राजस्थान में बारिश में कमी आएगी। लेकिन और दक्षिण-पूर्वी भागों में हल्की वर्षा बनी रह सकती है।
उत्तर भारत के मौसम का हाल देखें तो एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर के उत्तर में पहुंचा और इसके प्रभाव से हरियाणा और उत्तर-पश्चिमी राजस्थान पर हवाओं में एक सर्कुलेशन बना है। इन दोनों सिस्टमों के कारण उम्मीद है कि जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। जैसलमर, बाड़मेर, चुरू, गंगानगर सहित पश्चिमी राजस्थान में मौसम शुष्क बना रहेगा।
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मॉनसून की सबसे ज्यादा हलचल देश के पूर्वी भागों में होगी क्योंकि मॉनसून ट्रफ उत्तर की तरफ बढ़ रही है।हम उम्मीद कर सकते हैं कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी और मध्य भागों के साथ-साथ बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में कई जगहों पर मध्यम से भारी वर्षा देखने को मिल सकती है। कोलकाता सहित गंगिया पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में भी कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है।
दक्षिण भारत में उत्तरी तमिलनाडु के तटों पर बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती क्षेत्र हवाओं में बना है। यह सिस्टम तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल में हल्की से मध्यम वर्षा दे सकता है। चेन्नई और हैदराबाद में मध्यम बारिश जरूर होगी लेकिन मौसम काफी गर्म तथा उमस भरा होगा। दूसरी ओर बंगलुरु में बादल छाए रहेंगे। अधिक बारिश की उम्मीद नहीं है लेकिन मौसम खुशनुमा बना रहेगा।
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