इस समय बिहार के पूर्वी भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा इस सिस्टम से मिजोरम तक बनी हुई है। इन दोनों सिस्टम के कारण बंगाल की खाड़ी से होकर आर्द्र हवाएं पूर्वोत्तर भारत के भागों में पहुंचेगी जिसके कारण सिक्किम, हिमालय से सटे पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में गरज के साथ बारिश जारी रहेगी। हालांकि त्रिपुरा में भारी वर्षा में कमी आएगी, जिससे बाढ़ जैसे हालात से निपटने में आसानी होगी।
दूसरी ओर झारखंड पर बनी ट्रफ के कारण बिहार और झारखंड के पूर्वी हिस्सों और ओड़ीशा के कुछ भागों में गरज के साथ हल्की वर्षा हो सकती है। जबकि इन तीनों राज्यों के पश्चिमी शहरों में लू का प्रकोप देखने को मिलेगा।
दक्षिण भारत के मौसम का हाल देखे तो यहां भी तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के मध्य भागों में प्रचंड गर्मी परेशान करेगी। हालांकि तेलंगाना से तमिलनाडु तक बनी ट्रफ के कारण दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। आंध्र प्रदेश में 1-2 जगह हल्की वर्षा की संभावना है।
मध्य भारत में कई इलाके पहले से ही भीषण गिरफ्त में है। लू से जल्द राहत मिलने की संभावना नहीं है। बल्कि गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में अगले चार-पांच दिनों तक लगातार शुष्क उत्तर पश्चिमी हवाएं चलती रहेंगी आसमान साफ रहेगा जिसके कारण कई जगहों पर तापमान 45 से 46 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया जा सकता है।
इस बीच दक्षिणी छत्तीसगढ़ में कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो सकती है।
उत्तर भारत में बने मौसमी सिस्टम कमजोर हो गए हैं। जिससे यहाँ भी पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के सभी भागों में मौसम साफ और शुष्क रहेगा। चिलचिलाती धूप और गर्म तथा हवा के थपेड़ों के बीच कई जगहों पर पारा 44 डिग्री सेल्सियस से भी ऊपर चला जाएगा।
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दिल्ली - एनसीआर में वायु गुणवत्ता भी खराब हो सकती है प्रदूषण बढ़ सकता है।
हालांकि कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो सकती है।
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