लगभग एक हफ्ते तक, स्थिर बना हुआ दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अब आगे बढ़ते हुये मैंगलोर, मैसूर, सालेम, कुडालोर, अगरतला, लुमडिंग और पासीघाट पहुँच गया है। अभी भी मॉनसून अपने निर्धारित समय से पीछे चल रहा है।
चक्रवात वायु पश्चिमी ओर आगे बढ़ रहा है, लेकिन इसका प्रभाव अभी भी गुजरात तट पर देखा जा सकता है। महुवा, द्वारका, वेरावल, अमरेली, जूनागढ़ और पोरबंदर जैसी तटीय जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी। कोंकण व गोवा पर भी हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। मुंबई में एक-दो अच्छी फुहारों से इंकार नहीं किया जा सकता। अरब सागर से आती नम हवाएँ और तेज़ तापमानों के कारण पश्चिमी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कुछ भागों में धूल भरी आँधी और गरज-बौछारें आगे संभव हैं। पूर्वी मध्य प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र और विदर्भ में एक-दो जगह बारिश संभव है। इसके साथ ही, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में तापमानों में कमी आने की संभावना है।
पूर्वोत्तर भारत में, यहाँ एक ट्रफ रेखा पंजाब से बिहार और गंगीय पश्चिम बंगाल होते हुये तटीय ओड़ीशा तक जा रही है। साथ ही बंगाल की खाड़ी से आती नम हवाएँ पूर्वोत्तर भारत में नमी को बढ़ावा दे रहीं हैं। इस सिस्टम्स के चलते, पूर्वोत्तर भारत में बारिश अब और बढ़ जाएगी। साथ ही गंगीय पश्चिम बंगाल, सिक्किम व अन्य जगहों पर मध्यम बारिश की उम्मीद है। कुछ जगहों पर भारी बारिश का भी अनुमान है। ओड़ीशा और पूर्वी बिहार में भी बारिश आगे क्रम में हैं।
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उत्तर भारत की मौसम की बात, यहाँ एक नया पश्चिमी विक्षोभ जम्मु-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में कुछ जगह बारिश देगा। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली व NCR में भी एक-दो जगह धूल भरी आँधी और गरज के साथ बौछारें संभव हैं। इसके चलते, नीचे मैदानी इलाकों में दिन के तापमान कुछ डिग्री गिर सकते हैं।
नीचे दक्षिण भारत में, एक तट से लगती ट्रफ रेखा कर्नाटक से केरल तक जा रही है। इसके चलते तटीय कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। अंडमान व निकोबार द्वीप समुह में अच्छी मॉनसूनी बारिश होने का अनुमान है। इस बीच बेंगलुरु में मौसम शुष्क बना रहेगा। हैदराबाद और चेन्नई में छिट्ट-पुट्ट बारिश से इंकार नहीं किया जा सकता।
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