14 जून का मौसम पूर्वानुमान: अत्यंत भीषण चक्रवात वायु बढ़ेगा उत्तरी अरब सागर की ओर, पोरबंदर और सोमनाथ में भारी बारिश

June 13, 2019 7:23 PM|

अत्यंत भीषण चक्रवात वायु अब उत्तर-पश्चिमी दिशा की ओर आगे बढ़ गया है और धीरे-धीरे यह उत्तरी अरब सागर की ओर बढ़ेगा। गुजरात के तटीय भागों में हवा की गति और बारिश की गतिविधियां धीरे-धीरे कम हो जाएगी लेकिन, इसके बावजूद पोरबंदर, सोमनाथ, जूनागढ़ और द्वारका में 80-100 किमी प्रति घंटा की रफ़्तार से हवाओं के साथ मध्यम से भारी बारिश की संभावनाएं बनी हुई है। इसके अलावा, गुजरात के आतंरिक हिस्से और तटीय महाराष्ट्र के इलाकों में भी हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है।

राजस्थान के दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी इलाकों में एक-दो स्थानों पर धूल भरी आंधी और बारिश देखी जा सकती है। छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर बारिश देखी जा सकती है। मध्य प्रदेश और आतंरिक महाराष्ग्ट्र का मौसम मुख्यतः शुष्क बना रहेगा। मध्य प्रदेश और विदर्भ के तापमान में एक बार फिर वृद्धि की संभावना है।

आतंरिक कर्णाटक और केरल में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश के साथ ज्यादातर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश देखी जा सकती है। लक्षद्वीप तथा अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के इलाकों में अच्छी बारिश की संभावना है। आंध्र प्रदेश के तटीय इलाके में अलग-अलग स्थानों पर और तमिलनाडु तथा तेलंगाना के एक-दो स्थानों पर बारिश की उम्मीद है। तटीय कर्नाटक में भारी बारिश जारी रहेगी और जल्द ही मॉनसून के आगमन की उम्मीद है।

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मेघालय और उससे सटे इलाकों में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा उत्तर पूर्वी उत्तरप्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल होते हुए ओडिशा के तटीय भागों तक फैली हुई है। इस प्रणाली के कारण पूर्वोत्तर भारत सहित उप हिमालयी पश्चिम बंगाल और असम में हल्की से मध्यम बारिश देखी जा सकती है। जबकि, एक-दो स्थानों पर भारी बारिश की उम्मीद है।

ओडिशा तथा बिहार के पूर्वी हिस्सों के अलग-अलग स्थानों पर बारिश के आसार हैं। झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बाकी हिस्सों में मौसम शुष्क बना रहेगा।

कोई भी महत्वपूर्ण मौसम प्रणाली नहीं होने के कारण पूर्वोत्तर भारत के मैदानी इलाकों में मौसम शुष्क बने रहने की उम्मीद है। दिन के तापमान में मामूली वृद्धि देखी जा सकती है। हरियाणा, दिल्ली के एक-दो जगहों और राजस्थान के अधिकांश स्थानों पर लू की वापसी हो सकती है। हालांकि, एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य पाकिस्तान के भागों पर बना हुआ है लेकिन पूर्वोत्तर भारत के मैदानी इलाकों में इसका प्रभाव नहीं होगा। जबकि, जम्मू-कश्मीर में एक-दो स्थानों पर बारिश के आसार हैं।

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