केरल में लगातार दो दिन से भारी बारिश हो रही है। केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में पिछले 48 घंटों में 200 मिमी से अधिक बारिश हुई है। वहीं, कोझिकोड में पिछले 24 घंटों में 116 मिमी बारिश दर्ज की गई। कोच्चि, पुनालुर, अलापुझा में भी पिछले दो दिनों में मध्यम से भारी बारिश हुई है। अगले तीन दिनों तक मौसम की गतिविधियाँ जारी रहेंगी, हालांकि अलग-अलग हिस्सों में मौसम में उतार-चढ़ाव रहेगा।
ऐसी बन रही मौसम प्रणाली: तटीय तमिलनाडु और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर मध्य क्षोभमंडल स्तर तक एक चक्रवाती परिसंचरण है। उत्तरी केरल और दक्षिणी तटीय कर्नाटक के निचले स्तरों पर एक और छोटे पैमाने का परिसंचरण चिह्नित है। दो परिसंचरणों से जुड़ने वाली एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा उत्तरी केरल से उत्तरी तमिलनाडु और तमिलनाडु के अंदरूनी हिस्सों से होते हुए बंगाल की दक्षिण-पश्चिमी खाड़ी तक जा रही है। बंगाल की खाड़ी पर परिसंचरण अधिक स्पष्ट होने और तमिलनाडु से दूर गहरे समुद्र में उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने की संभावना है। वहीं, कनेक्टिंग ट्रफ के दक्षिण की ओर जाने और केरल के दक्षिणी भागों पर ज्यादा सक्रिय होने के आसार हैं।
मानसून आने तक भारी बारिश: अगले तीन दिनों में केरल में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। अलपुझा, कोल्लम, वर्कला, पुनालुर और तिरुवनंतपुरम सहित दक्षिणी हिस्सों में बारिश की तीव्रता अधिक होगी। वहीं, केरल के उत्तरी भागों में मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होगी। बंगाल की खाड़ी में बना सिस्टम तेज़ हो जाएगा और समुद्र तट के समानांतर उत्तर-पूर्व की ओर आगे बढ़ेगा। जिसके बाद राज्य के अंदरूनी हिस्सों में बारिश की गतिविधियां हल्की हो जाएंगी। हालाँकि, समुद्र तट पर व्यापक रूप से भारी वर्षा जारी रहेगी। कासरगोड, कुडुलु, कन्नूर, कोझिकोड, गुरुवयूर, कोच्चि, माहे, अलापुझा, कोल्लम और तिरुवनंतपुरम में 23 से 26 मई के बीच मध्यम से भारी वर्षा जारी रहेगी। तब तक, मानसून की शुरुआत करीब आ जाएगी और एक छोटे ब्रेक के बाद गतिविधि फिर से शुरू हो सकती है।
फोटो क्रेडिट: पीटीआई