एक नया पश्चिमी विक्षोभ और इसके साथ प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण (induced cyclonic circulation) उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सर्दियों की बारिश की तैयार कर रहा है। जनवरी और फरवरी दोनों ही उत्तर भारत के लिए सबसे अधिक बारिश वाले सर्दियों के महीने होते हैं, जिसमें फरवरी महीने में जनवरी से थोड़ी अधिक बारिश होती है। पिछले साल 2023 में जनवरी के महीने में बारिश की कमी रही थी, लेकिन फरवरी का महीना मामूली कमी के साथ अच्छा रहा था।
10 से 12 जनवरी के बीच प्रमुख मौसमी सिस्टम: 10 से 12 जनवरी के बीच पश्चिमी विक्षोभ और प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण उत्तर भारत के मौसम को प्रभावित करेंगे। इस दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तर मध्य प्रदेश के हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश होगी। 11 जनवरी को बारिश की तीव्रता और प्रसार अधिक होने वाला है। बारिश के साथ गरज-चमक और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है।
बारिश का विस्तृत पूर्वानुमान: बारिश का दौर 10 से 12 जनवरी 2025 के बीच चलेगा। शुरुआत में 10 जनवरी को उत्तर राजस्थान के हिस्सों में हल्की बारिश और बूंदाबांदी होगी। दक्षिण हरियाणा और दिल्ली के बाहरी इलाकों में भी हल्की बारिश की संभावना है। अगले दिन 11 जनवरी को बारिश का दायरा और तीव्रता बढ़ेगी। उत्तर राजस्थान के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में मध्यम और रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना है। 12 जनवरी को बारिश कम होकर उत्तर मध्य प्रदेश और दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश तक सीमित हो जाएगी।
तापमान पर असर और ठंड की स्थिति: बारिश के दौरान मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। दिन के तापमान में बड़ी गिरावट होगी, जबकि रात का तापमान थोड़ा बढ़ सकता है। लगातार बादल छाए रहने, मध्यम हवाओं और धूप की कमी के कारण कई स्थानों पर ठंडे दिन (कोल्ड डे) की स्थिति रहेगी। हालांकि, इस दौरान ठंड की लहर (कोल्ड वेव) का असर कम रहेगा। लेकिन जैसे ही यह बारिश का दौर खत्म होगा और मौसम साफ होगा, जनवरी के तीसरे सप्ताह में ठंड बढ़ने की आशंका है।