लगता है शुरुआत की तरह, जनवरी भी एक धमाके के साथ समाप्त होगा। सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की श्रृंखला ने जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को बर्फ की सफेद चादर से धक दिया है।
हालांकि, ये पश्चिमी विक्षोभ पंजाब, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के उत्तरपश्चिमी मैदानी इलाकों पर मौसम की कोई भी गतिविधि देने में विफल रहे हैं। एकमात्र प्रभाव जो देखा गया था, वह ठंडी उत्तरपश्चिमी हवाओं से बदलकर उनसे तुलनात्मक रूप से गर्म दक्षिण पूर्वी हवाओं में बादल गयी।
लेकिन अब आखिरकार वह समय आ गया है जब उत्तरपूर्वी मैदानी हिस्से गरज के साथ बारिश कीगतिविधियों के गवाह बने हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, एक और ताजा पश्चिमी विक्षोभ की आशंका कर रहे हैं, जिसे सीजन में अब तक की सबसे मजबूत प्रणाली के रूप में जाना जा सकता है।
यह प्रणाली 20 जनवरी तक जम्मू और कश्मीर पर मौसम को प्रभावित करना शुरू कर देगी और साथ ही यह मध्य पाकिस्तान और इससे सटे राजस्थान और पंजाब पर हवाओं का चक्रवात को प्रेरित करेगी।
स्काइमेट वेदर के अनुसार, यह दोनों मौसम प्रनलियाँ, पश्चिमी विक्षोभ तथा हवाओं का चक्रवात, दोनों एक ही दिशा में चलेंगे। यह देखा जाता है, जब भी दो प्रणाली एक साथ चलती हैं, तो वे लंबे समय तक मौसम की गतिविधि देते हैं क्योंकि वे एक दूसरे के पूरक होते हैं। इसके अनुसार, मौसमी मॉडल यह संकेत दे रहे हैं किये मौसम गतिविधियां कम से कम 25 जनवरी तक रहेगी।
ओलावृष्टि की उज्ज्वल संभावना के साथ, इस समय के दौरान बिजली और आंधी की भी आशंका है।
परिणामस्वरूप, 20 जनवरी की शाम तक राजस्थान और पंजाब के कुछ हिस्सों में बादल देखे जा सकते हैं। 21 जनवरी तक राजस्थान और पंजाब के कुछ हिस्सों में बारिश शुरू हो जाएगी। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, झुंझुनू, सीकर, जयपुर, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, चंडीगढ़ और भटिंडा जैसे स्थानों पर बारिश होने लगेगी।
बारिश की तीव्रता और प्रसार धीरे-धीरे बढ़ता रहेगा। वास्तव में, 22-23 जनवरी को बारिश होने की संभावना है। 22 जनवरी तक, पंजाब और उत्तरी राजस्थान के साथ, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में भी बारिश होने लगेगी। अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, हिसार, भिवानी, जींद, रोहतक, पानीपत, दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और फरीदाबाद जैसे स्थानों पर बारिश होगी।
संभावना है कि 22-23 जनवरी को एक-दो स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा रिकॉर्ड की जा सकती है। हालांकि,पंजाब और हरियाणा में अधिक बारिश होगी।
राजधानी लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, मुज़फ्फरनगर और आगरा सहित उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 23 और 24 जनवरी को बारिश होने लगेगी।
शीत दिवस की स्थिति
अब तक, पश्चिमी विक्षोभ के आगमन से उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों तक पहुँचने वाली ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाओं में कटौती हुई थी। नतीजतन, मैदानी इलाकों से कोल्ड डे की स्थिति गायब थी।
कोल्ड डे की स्थिति तब घोषित की जाती है जब दिन का तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से कम हो जाता है। आमतौर पर, ये स्थितियां केवल दिसंबर के दौरान देखी जाती हैं। हालाँकि, ये स्थितियाँ अंततः अब हमें देखने को मिलेगी।
बारिश की फुहारों से दिन के अधिकतम तापमान में 4-5 डिग्री की गिरावट आ सकती है, जो 15 डिग्री सेल्सियस -17 डिग्री सेल्सियस के दायरे में आ सकते हैं। इस प्रकार, हमें यह कहना चाहिए कि पंजाब,हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में ठंड और सर्द मौसम के लिए तैयार रहना चाहिए।
Image Credit: Tour My India
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।