ताजा पश्चिमी विक्षोभ बहुत जल्द पश्चिमी हिमालय के करीब पहुंच रहा है। इस प्रणाली के आगे, ऊपरी हवा का ट्रफ उत्तरी पहाड़ों से होते हुए आगे बढ़ रहा है, जिससे केवल ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी हो रही है। यह मौसम प्रणाली बहुत मजूबत होगी, जिसका असर पहाड़ों औऱ मैदानों पर होगा। कल से पंजाब और हरियाणा खासकर दोनों राज्यों की तलहटी मौसम की गतिविधियां देखने को मिलेंगी। मैदानी इलाकों में बारिश का दौर छोटा जो अच्छा होगा, जो केवल एक दिन तक चलेगा।
इस प्रणाली के कारण बारिश: उत्तरी पंजाब के कुछ हिस्सों और सीमावर्ती क्षेत्रों पर एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण बन रहा है। पश्चिमी विक्षोभ के साथ प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण की सहायता से पंजाब और हरियाणा में गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। दिल्ली और सुदूर उत्तरी राजस्थान सिस्टम के बाहरी किनारे पर होंगे। इन इलाकों में आसमान में बादल छाए रह सकते हैं, साथ ही कुछ समय के लिए हल्की बारिश की भी संभावना है। यह प्रणाली इतनी मजबूत नहीं पिछली मौसम प्रणाली में हुआ था। हालाँकि, दिल्ली/एनसीआर और उत्तरी राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में बिजली की चमक, दूर तक गड़गड़ाहट और हवा का हल्का झोंका देखा जा सकता है।
तेज हवाओं के साथ बारिश: 13 मार्च को पठानकोट, अमृतसर, जालंधर, होशियारपुर, कपूरथला, लुधियाना, रोपड़, चंडीगढ़ और मोहाली में गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। हरियाणा के अंबाला, यमुनानगर और पंचकुला सहित उत्तरी हिस्सों में भी 13 को मौसम की गतिविधि देखने को मिलेगी। राजस्थान की सीमा से लगे हरियाणा के अंदरूनी हिस्से इस तरह की गतिविधियों से बच सकते हैं। राजस्थान के सुदूर उत्तरी भागों जैसे गंगानगर, हनुमानगढ़, अनूपगढ़ और सूरतगढ़ में बिजली की चमक और तेज़ हवाएँ चल सकती हैं, लेकिन बहुत अधिक बारिश और बौछारें नहीं होंगी।
पहाड़ों जारी रहेगी बारिश/ बर्फबारी: 14 मार्च को बादल छंटने की उम्मीद है। मैदानी इलाकों में कम से कम अगले 10 दिनों तक दोबारा बारिश की कोई संभावना नहीं है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण बीच-बीच में रुक-रुक कर पहाड़ों पर कुछ गतिविधियां होती रहेंगी। इस प्रणाली के गुजरने से कुछ समय के लिए मैदानी इलाकों में तापमान में मामूली कमी आ सकती है।