लंबे इंतजार के बाद पश्चिमी विक्षोभ कल 12 मार्च को जम्मू कश्मीर पहुँच गया। जिससे मौसम की एक्टिविटी बढ़ी हुई है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के मैदानी इलाकों तक बादल छा गए हैं। दिन चढ़ने के साथ मौसम की गतिविधियों में तेजी आने प्रसार बढ़ने की संभावना है। हालांकि, मौसमी गतिविधि (बारिश, बर्फबारी, तेज हवाएं, ओलावृष्टि, बिजली गिरना, आँधी) पहाड़ों पर ज्यादा होगी और मैदानी इलाकों बहुत ही कम असर होगा। वहीं, पहाड़ों पर 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना है।
भारी बर्फबारी, बारिश, आँधी और गिरेगी बिजली: पश्चिमी विक्षोभ के कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के निचले इलाकों में कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश, बिजली गिरने और ओलावृष्टि की संभावना है। वहीं, मध्य और ऊंचाई वाले इलाकों में ताजा बर्फबारी देखने को मिलेगी। पहलगाम, गुलमर्ग, मनाली, केलोंग और स्पीति घाटी जैसे लोकप्रिय स्थलों पर भी बर्फबारी हो सकती है। श्रीनगर, डलहौजी, धर्मशाला और शिमला को अच्छी बारिश से जूझना पड़ सकता है। उत्तराखंड की निचली पहाड़ियों जैसे मसूरी और नैनीताल में भी छिटपुट आंधी और बारिश देखने को मिलेगी। सबसे अच्छी बात यह है कि मौसम की गतिविधियों पर कल 14 मार्च को ही कंट्रोल हो जाएगा। सिर्फ पहाड़ों पर ऊपरी इलाकों में पश्चिमी विक्षोभ का बचा हुआ असर देखा जाएगा।
शाम और रात में ज्यादा बारिश: पंजाब और हरियाणा के तलहटी इलाकों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश पड़ेंगी। इन दोनों राज्यों के दूर के इलाकों और उत्तर व पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और बौछारें पड़ेंगी। शाम और रात में सबसे ज्यादा गतिविधियां रहेंगी। 14 मार्च को तड़के मौसम की गतिविधियां साफ होने लगेंगी और दोपहर में भरपूर धूप निकलेगी। हालांकि, मौसम प्रणाली के असर के कारण सुबह के समय हवा में हल्की ठंडक रहेगी।
ज्यादातर शुष्क मौसम की स्थिति: वहीं, मौसम की गतिविधियां दिल्ली जितनी दूर तक नहीं बढ़ सकती हैं। शाम और रात में बादल छाए रहेंगे। सर्दी की सामान्य ठंडक के साथ 14 मार्च की सुबह जल्द मौसम प्रणाली के क्षेत्र से हटने की उम्मीद है। अगले लगभग एक सप्ताह तक उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में ज्यादातर शुष्क मौसम की स्थिति बनी रहेगी, बारिश की कोई संभावना नहीं है। हालांकि, कुछ बादल रुक-रुक कर आ सकते हैं।
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