उत्तरी बंगाल की खाड़ी पर कल एक निम्न दबाव का क्षेत्र अधिक प्रभावी निम्न दबाव क्षेत्र में बदल गया है। यह बंगाल की खाड़ी पर वर्ष 2021 का पहला प्रभावी निम्न दबाव का क्षेत्र है और अगले 24 घंटों में इसकी तीव्रता और अधिक होने की उम्मीद है। यह मौसमी सिस्टम पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय भागों तक पहुँच गए है। वहीँ अगले 48 घंटों में यह सिस्टम पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड तक पहुँच सकता है। इसके अलावा, यह उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश होते हुए अगले 5-6 दिनों में राजस्थान तक पहुंचेगा।
इन मौसमी सिस्टमों के कारण, कोलकाता, हावड़ा, मिदनापुर, झारग्राम, हल्दिया, दक्षिण 24 परगना, डायमंड हार्बर, कोंटाई और दीघा समेत गंगीय पश्चिम बंगाल के दक्षिणी हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है। तीव्र और उग्र बारिश के परिणामस्वरूप कुछ क्षेत्रों में स्थानीय बाढ़ आ सकती है और सम्पर्क बाधित हो सकता है। वहीं तेज आंधी, जलजमाव और कुछ इलाकों के जलमग्न होने से सड़क और हवाई यातायात बाधित होने की प्रबल संभावना है।
अगले 48 घंटों में झारखंड और दक्षिणी बिहार के इलाकों जैसे रांची, जमशेदपुर, बोकारो, धनबाद, देवघर, हजारीबाग, दुमका, पाकुड़, औरंगाबाद, गया, बक्सर, भोजपुर, नवादा, लखीसराय, जहानाबाद, मुंगेर, बांका और जमुई में भी बेहद भारी बारिश की संभावना है। इसके अलावा 30 जुलाई से 03 अगस्त के बीच उत्तरी छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश और दक्षिणी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ-साथ पूर्वी और उत्तरी राजस्थान के इलाकों को बारिश के लिए अभी थोड़ा इंतज़ार करना पड़ सकता है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी मानसून अगले 7 दिनों तक देश के पूर्वी और उत्तरी हिस्सों में सक्रिय रहेगा। इसके अलावा उत्तर भारत के पहाड़ी राज्य और देश के मध्य भाग के राज्य भी इस अवधि के दौरान तीव्र मौसम गतिविधि का केंद्र रहेंगे। वहीं देश के दक्षिणी हिस्सों में मॉनसून के कमजोर रहने की उम्मीद है। हालाँकि महीने के बाकी दिनों में इन भागों में लगातार बारिश से 2% की मौसमी कमी पूरी हो सकती है।