हरियाणा में अभी भी खरीफ फसलों की कटाई अभी भी चल रही है। इसलिए मौसम के बारे में आपके पास जानकारी होना बेहद ज़रूरी है। स्काइमेट इसमें आपकी हर सप्ताह मदद करता है।
इस सप्ताह 20 से 24 नवंबर के बीच हरियाणा में मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। हालांकि जम्मू कश्मीर और लद्दाख के पास एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ आते रहेंगे जिससे आंशिक बादल हरियाणा के उत्तरी भागों पर दिखाई दे सकते हैं।
लेकिन हरियाणा के किसानों के लिए चिंता की बात यह है कि 25 नवंबर से राज्य में बारिश की संभावना बन रही है। उम्मीद है कि 25 से 27 नवंबर के बीच उत्तर भारत में एक प्रभावी पश्चिमी विक्षोभ आएगा। इसके प्रभाव से एक सर्कुलेशन विकसित होगा मैदानी भागों पर।
इन्हीं सिस्टमों के चलते यमुनानगर, अंबाला, करनाल, सिरसा, हिसार, रेवाड़ी, पलवल, पानीपत सहित सभी जिलों में 25 से 27 नवंबर के बीच बारिश होने की संभावना है।
इस मौसम का खेती पर असर
25 से 27 नवम्बर के बीच बादल छाए रहने और बारिश होने की संभावना के बीच किसानों को सुझाव है कि खरीफ की तैयार फसलों की कटाई और जल्द निपटाएँ। फसलों और अनाज को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर रखें।
25 से 27 नवम्बर के बीच बुआई, सिंचाई, और कीटनाशकों तथा उर्वरकों का छिड़काव टाल दें। समय पर बोई गई सरसों व राया में महीने के अंत पर पानी दें। इस मौसम में सरसों व राया में सफ़ेद फफोले वाली बीमारी होने की आशंका रहती है। इससे बचाव के लिए, मौसम साफ हो जाने पर, 600 ग्राम डाईथेन एम-45 को 200-300 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़के।
नमी और आर्द्रता के कारण गेहूँ के खेत में कनकी मंडुसी व अन्य चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों की समस्या हो सकती है। इसके नियंत्रण के लिए डोसोनेक, आइसोप्रोटोरान 50 डब्लू.पी. में से किसी एक की 800 ग्राम मात्रा का प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
यह थी हरियाणा के लिए स्काइमेट वेदर की साप्ताहिक रिपोर्ट। अगले हफ्ते भी बुधवार को हम साप्ताहिक रिपोर्ट में बताएँगे आपके राज्य के पूरे हफ्ते के मौसम का हाल।
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