राजस्थान में पिछले सप्ताह सुबह और शाम के समय आंशिक बादल आते रहे जिसके कारण मौसम अपेक्षाकृत ठंडा रहा। कृषि विशेषज्ञों की मानें तो यह मौसम गेहूं और जौ की फसलों का उत्पादन बढाने में सहायक रहा। दूसरी ओर इस मौसम से पछेती सरसों और सिंचित चने की फसल की कटाई मे कुछ देरी हो सकती है।
इस बीच 25 मार्च को राजस्थान के अजमेर, भरतपुर, अलवर और सीकर में गर्जना के साथ हल्की बारिश की उम्मीद है। इसके बाद, पूरे राजस्थान में मौसम शुष्क और गर्म हो जाएगा और 31 मार्च तक बारिश की कोई उम्मीद नहीं है।
माना जा रहा है कि 27 मार्च से, पश्चिमी शुष्क हवाएं चलेंगी। यह हवाएँ मध्य पाकिस्तान से राजस्थान की ओर आएंगी, जो गर्म होंगी जिससे दिन में तापमान बढ़ने लगेगा।इस दौरान, राजस्थान के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में खासकर बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमर, जोधपुर, जालौर, सिरोही, चित्तौड़गढ़ और कोटा में दिन में पारा 37 से 39 डिग्री तक पहुँच सकता है।
इस मौसम के फसलों पर असर की बात करें तो इस समय ज़्यादातर जगहों पर सरसों और चने की फसलें पक चुकी हैं। इसलिए यह मौसम इन फसलों के लिए अच्छा रहेगा। लेकिन तेज़ी से बढ़ रहे तापमान के कारण गेहूं की फसल समय से थोड़ा पहले ही पक कर तैयार हो सकती है, जिससे इसकी पैदावार 5 से 7 प्रतिशत प्रभावित हो सकती है।
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