ओडिशा तट से दूर उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर एक चक्रवाती परिसंचरण(cyclonic circulation) बना हुआ है। इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों में उत्तर-पश्चिम और इससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। वहीं, यह सिस्टम अगले 12-24 घंटों में इसी क्षेत्र में मजबूत और अच्छी तरह से बन सकता है। जिससे देश के पूर्वी और मध्य क्षेत्रों में एक्टिव से तेज मानसून की स्थिति होने की संभावना है।
बढ़ रही बारिश की संभावना: मौजूदा चक्रवाती परिसंचरण से जुड़े बादल पहले ही ओडिशा और आंध्र प्रदेश के समुद्र तट तक पहुंच चुके हैं। जिससे किनारों पर हल्की से मध्यम बारिश भी शुरू हो गई है, आगे बारिश के तेज होने की संभावना है। परिसंचरण के एकत्रित होने के बाद निम्न दबाव क्षेत्र बनेगा, जिसमें ऊपरी वायु परिसंचरण का समर्थन होगा। लगभग 20°N के साथ चलने वाला शियर जोन सिस्टम मौसम प्रणाली को और मजबूत करने में सहायता करेगा। निम्न दबाव 20 जुलाई को समुद्र तट को पार करेगा और जमीन के तरफ बढ़ेगा। वहीं, मौसम गतिविधि का क्षेत्र बढ़ कर देश के मध्य भागों तक फैल जाएगा।
इन राज्यों में भारी बारिश: शुरुआत में दक्षिण तटीय ओडिशा, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिण छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के पूर्वी हिस्सों में आज मध्यम से भारी वर्षा होगी। इसके बाद 19 जुलाई को तीव्र मौसम क्षेत्र तेलंगाना और विदर्भ के हिस्सों को कवर करने के लिए आगे बढ़ेगा। जैसे ही निम्न दबाव आगे बढ़ेगा, 20 जुलाई को मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।
भारी बारिश से बाढ़ का खतरा: निम्न दबाव के बनने से कोंकण तट के साथ-साथ अरब सागर से मानसून की धारा मजबूत होगी। अगले 4-5 दिनों तक मुंबई समेत कोंकण में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। 21 से 25 जुलाई के बीच दक्षिण गुजरात, उत्तरी मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश और दक्षिणी राजस्थान में भी भारी से अत्यधिक भारी वर्षा होने का अनुमान है। इस दौरान भारी बारिश से कनेक्टिविटी बाधित हो सकती है और निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है।
फोटो क्रेडिट: आजतक