विदर्भ क्षेत्र के ऊपर मजबूती से बना निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा और कमजोर होकर निम्न दबाव के क्षेत्र में बदल गया है। यह सिस्टम अब दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश और आसपास के भागों पर बना हुआ है। इस प्रणाली के अवशेष अगले 4-5 दिनों तक बिना किसी महत्वपूर्ण बदलाव के इन्ही क्षेत्रों में घूमते रहेंगे।
सौराष्ट्र और कच्छ में कम बारिश: जिससे प्रभाव से दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश, दक्षिण-पूर्व राजस्थान और उत्तर एवं मध्य गुजरात में मध्यम बारिश के साथ कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना बनी रहेगी। सौराष्ट्र और कच्छ में मौसम की तीव्र गतिविधि नहीं होने की उम्मीद है। जबकि राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा से लगे गुजरात के अंदरुनी हिस्सों में कुछ स्थानों पर तेज बारिश होने का खतरा बना रहेगा।
इन तीन राज्यों में बारिश: निम्न दबाव का क्षेत्र कमजोर हो चुका है और अभी इसके ज्यादा कमजोर होने की संभावना है। ऊर्जा की कमी के कारण यह मौसम प्रणाली ज्यादा इधर-उधर शिफ्ट नहीं करेगी और लगभग स्थिर रहेगी। इसलिए, मौसम(बारिश) की तीव्रता अधिक गंभीर नहीं होगी, लेकिन बारिश का प्रसार मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात राज्यों के बड़े हिस्से को कवर करेगी।
मानसून ट्रफ की स्थिति में बदलाव: निम्न दबाव ने मानसून ट्रफ के पश्चिमी हिस्से को उसकी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओऱ खींच लिया है। बता दें, यह ट्रफ जैसलमेर, उदयपुर, इंदौर से होकर गुजरता है और आगे पूर्व की ओर बढ़ते हुए बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी पर बन रहे परिसंचरण में शामिल हो जाता है। ट्रफ का पश्चिमी छोर उत्तर और दक्षिण में हल्के से उतार-चढ़ाव करेगा और इन भागों पर मौसम की गतिविधियों को संचालित होंगी।
तीनों राज्यों के खतरे वाले स्थान: गौरतलब है, अगले 4-5 दिनों तक इन तीनों राज्यों के क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना कम है। लेकिन फिर भी कुछ जगहों थोड़े समय के लिए छिटपुट बारिश से इंकार नहीं किया जा सकता है। भारी बारिश से जोखिम वाले स्थानों में राजस्थान के उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, झालावाड़, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, सिरोही, कोटा, बूंदी और बारां शामिल हैं।
एमपी और राजस्थान के खतरे वाले क्षेत्र: वहीं, मध्य प्रदेश के इंदौर, धार, खरगोन, बड़वानी, खंडवा, रतलाम, झाबुआ, देवास, उज्जैन और अलीराजपुर में भी खतरा है। इसके साथ ही गुजरात के मेहसाणा, पालनपुर, डीसा, साबरकांठा, बनासकांठा, पाटन, दाहोद, गोधरा, अरावली, महिसागर, अहमदाबाद, गांधीनगर, आनंद और वडोदरा में खतरे वाले स्थानों शामिल हैं। इस सप्ताह के अंत तक और अगले सप्ताह की शुरुआत में भी मौसम की गतिविधियां जारी रहेंगी। लेकिन, अगले सप्ताह के मध्य से मौसम में सुधार होने की उम्मीद है।
फोटो क्रेडिट: आजतक