दिल्ली और उपनगरों में छिटपुट, कुछ स्थानों पर भारी और कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई। सफदरजंग वेधशाला में 11 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि पालम वेधशाला ने केवल 8 मिमी बारिश मापी। हालांकि, अयानगर में 53 मिमी की जोरदार बारिश हुई और नरेला में 36 मिमी बारिश के साथ दूसरा सबसे ऊंचा आंकड़ा दर्ज किया गया। बता दें, कल 4 अगस्त को फ़रीदाबाद, गुड़गांव, गौतमबुद्धनगर, बुलन्दशहर और मुरादाबाद में भी मानसूनी बारिश तेज रही। दिन की शुरुआत में हुई मध्यम बारिश ने तापमान को कम कर दिया था अधिकतम और न्यूनतम दोनों तापमान सामान्य से लगभग 2-3 डिग्री सेल्सियस नीचे थे, जो क्रमशः न्यूनतम 30 और न्यूनतम 20 डिग्री दर्ज किए गए। गौरतलब है, दिल्ली और एनसीआर में रविवार तक लगातार बारिश होने की उम्मीद है।
निम्न दबाव का दिल्ली पर असर: राजस्थान पर बना निम्न दबाव अब राज्य के मध्य भागों में शिफ्ट हो गया है, जो मुख्य रूप से चक्रवाती परिसंचरण के रूप में देखा जा रहा है। इस विशेषता(चक्रवाती परिसंचरण) द्वारा नियंत्रित मानसून ट्रफ का पश्चिमी छोर दिल्ली के दक्षिण में स्थित है। उत्तरी पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ से एक कमजोर उत्तर-दक्षिण ट्रफ दिल्ली के करीब, परिसंचरण(Circulation) में प्रवेश कर रही है। यह व्यवस्थित और संगठित पूर्वी हवाओं का प्रवाह दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में फैला हुआ है। यह पैटर्न अगले 3-4 दिनों तक मानसून की सक्रियता को बरकरार रखेगा।
अगले दिनों में अधिक बारिश की संभावना: दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में कल और परसो मानसूनी बारिश का फैलाव और तीव्रता देखी जा सकती है। आज(5 अगस्त) शाम के समय में एक-दो बार हल्की बारिश होने की संभावना है। हालांकि, रविवार को बारिश हल्की होगी और देर शाम या रात को बारिश क्षेत्र से विदा लेने लगेगी। अगले सप्ताह बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक मानसून प्रणाली के और अधिक सक्रिय होने की संभावना है। ऐसा अनुमान है कि मानसून ट्रफ 9 से 13 सितंबर तक उत्तरी मैदानी इलाकों से दूर रहेगा, जिसमें दिल्ली भी शामिल है। अब मानसून ट्रफ केवल 12 या 13 सितंबर तक वापस लौटेगा। इसलिए, राजधानी दिल्ली में अगले सप्ताह 9 से 13 सितंबर के बीच मौसम शांत रहने की संभावना है।
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