पिछले दो दिनों के दौरान देशभर में मौसमी गतिविधियां न्यूनतम हो गई थीं। इससे पहले पश्चिमी विक्षोभ और उत्तरी भागों पर प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से पहाड़ों पर भारी बर्फबारी और मैदानी इलाकों में गरज के साथ बारिश हुई थी। लेकिन अब हिमाचल क्षेत्र से पश्चिमी प्रणाली हट गई है और सहायक परिसंचरण भी दूर चला गया है। इस समय देश की सीमाओं पर कोई मौसम प्रणाली नहीं है। केवल राजस्थान और हरियाणा के कुछ हिस्सों से बारिश वाले बादलों के साथ गुजर रही मजबूत पश्चिमी जेट स्ट्रीम कारण पिछले 24 घंटों में बहुत हल्की बारिश हुई है। हालांकि, अब इस मौसमी गतिविधि के जारी रहने की संभावना बहुत कम है।
पूर्वोत्तर भारत के पहाड़ों से होते हुए पश्चिमी ट्रफ के गुजरने से सिक्किम, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, ऊपरी असम और अरुणाचल प्रदेश के बहुत के पूर्वी हिस्सों में अलग-अलग जगहों पर हल्की बूंदाबादी हुई। इस दौरान देशभर में बारिश काफी हद तक कम हुई और दैनिक वर्षा में 80% से अधिक की कमी रही। देश के उत्तरी, मध्य और दक्षिणी भागों में पिछले दो दिनों में लगभग शून्य वर्षा हुई है। पूरे भारत में 01 जनवरी से 08 फरवरी 2024 के बीच मौसमी वर्षा में 30% की कमी दर्ज की गई है। आने वाले सप्ताह के आखिर तक भी मौसम की स्थिति बेहतर होने की संभावना नहीं हैं।
देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में अभी कोई सक्रिय मौसम प्रणाली नहीं है और अगले लगभग एक सप्ताह तक बारिश की भी संभावना नहीं है। एक मौसमी प्रतिचक्रवात बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी पर काफ़ी आगे बढ़ गया है। इस प्रणाली से हवाओं के समुद्र तट की ओर मुड़ने से अगले 2 दिनों में दक्षिण तटीय ओडिशा और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में बहुत हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। इस अवधि के दौरान देश के अन्य भागों में शुष्क मौसम की स्थिति रहेगी।
हालांकि, इस अवधि के बाद देश के मध्य भागों में कुछ मौसमी प्रणाली बनने की संभावना है। मध्य भागों पर बन रहे चक्रवाती परिसंचरण और प्रतिचक्रवात(anticyclone) दोनों के प्रभाव से 10 और 11 फरवरी को महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ में कुछ बेमौसम बारिश होने की संभावना है। बाद में ये बारिश 12 से 14 फरवरी के बीच मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों तक पहुंच जाएगी। वहीं, 15 फरवरी से बेमौसम मौसमी गतिविधियां बंद हो जाएंगी। उत्तरी पहाड़ों को छोड़कर अधिकांश हिस्सों से मौसम प्रणाली की व्यापक निकासी की संभावना है।