जून के महीने में बारिश की अधिकतर कमी रहने के बाद, उत्तर भारत के मैदानी इलाकों ने मौसम के सामान्य स्तर को काफी हद तक पकड़ लिया है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली जून के अंत तक औसत से काफी नीचे थे। 28 जून को दिल्ली में एक ही दिन भारी बारिश हुई, जिसने मासिक सामान्य स्तर को बहुत ज्यादा पार कर दिया। मानसून की धारा के सक्रिय होने के कारण उत्तर भारत क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों ने बारिश की बड़ी कमी को पूरा कर लिया है। हालांकि, ये हिस्से लगभग एक सप्ताह के लिए फिर से एक सूखी अवस्था में जा सकते हैं।
इन राज्यों में एक सप्ताह कम बारिश: निचले स्तर में मानसून की धारा अपनी सामान्य स्थिति से उत्तर की ओर खिसक जाएगी, जिससे मानसूनी गतिविधि तलहटी के साथ खिंच जाएगी। अगले एक सप्ताह के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में मौसम की गतिविधि(बारिश) कम रहेगी। उत्तर पाकिस्तान और पंजाब के सीमा क्षेत्रों में एक चक्रवाती परिसंचरण बन रहा है। जिसके कारण 12 जुलाई को पंजाब और जम्मू और कश्मीर की तलहटी में मानसूनी गतिविधि बढ़ जाएगी।
इन क्षेत्रों में रहेगा खतरा: जम्मू-कश्मीर और पंजाब दोनों ही राज्यों में 12 जुलाई के दिन बारिश और गरज के साथ बौछारें तीव्र और व्यापक होंगी। जम्मू, कठुआ, सांबा, पठानकोट, गुरदासपुर, धर्मशाला, कांगड़ा और ऊना में खतरा रहेगा। यह एक दिन की लंबी गतिविधि होगी और अगले दिन स्थितियां सुधरेंगी। मौसम की गतिविधि की कमी बादलों को कम कर देगी। जिससे उमस की स्थिति बढ़ाएगी, दिन के तापमान बढ़ने लगेगा और हवाएं हल्की हो जाएगी। मौसम की यह स्थितियां खासकर दोपहर के समय असुविधा और बैचेनी को बढ़ा देंगी।