उत्तर अराकान तट और पश्चिमी म्यांमार के आसपास एक चक्रवाती परिसंचरण बन चुका है। यह परिसंचरण अगले 24 घंटों में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़कर उत्तर बंगाल की खाड़ी और बांग्लादेश के ऊपर पहुंचेगा। इसके प्रभाव में, इस क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जो अगले 24 घंटों में और भी संगठित हो सकता है। इस परिसंचरण के परिणामस्वरूप पूर्वी राज्यों और बांग्लादेश में मानसून की गतिविधि और अधिक सक्रिय हो जाएगी।
सुपर टाइफून यागी के अवशेषों का सफर: पिछले सप्ताह सुपर टाइफून यागी ने चीन के हैनान क्षेत्र में तबाही मचाई थी। इसके बाद, यह तूफान उत्तर वियतनाम में शनिवार को पहुंचा, जहां इसने बड़े हिस्सों को क्षतिग्रस्त किया, जिससे भारी जान-माल की हानि पहुंचाई। कमजोर हो चुके इस तूफान के अवशेष धीरे-धीरे लाओस और म्यांमार के पूर्वी और केंद्रीय हिस्सों से होते हुए अराकान तट तक पहुंचे। यह सिस्टम पहले से बने चक्रवाती परिसंचरण से मिल जाएगा, जो ‘हेड बे’ और बांग्लादेश के ऊपर स्थित है। इस मिलन के बाद, एक नया कम दबाव का क्षेत्र बनेगा, जिसे उत्तरी और पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी में मानसून की निचली धारा और समर्थन मिलेगा।
कम दबाव क्षेत्र का निर्माण और प्रभाव: जैसे ही यह सिस्टम कम दबाव के क्षेत्र में बदलता है, यह और अधिक मजबूत हो जाएगा। यह उत्तरी बंगाल की खाड़ी, बांग्लादेश, गंगा के पश्चिमी बंगाल और उत्तरी ओडिशा के पास बने रहने की संभावना है। इस मौसम प्रणाली का असर बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों पर भी होगा। 13 से 16 सितंबर के बीच इस क्षेत्र में भारी मानसून गतिविधियों की संभावना है। हालांकि, मौसम मॉडल की सटीकता 4-5 दिनों से आगे गिरती है, इसलिए लगभग 48 घंटों के बाद इस प्रणाली के ट्रैक, समय और तीव्रता के बारे में नया पूर्वानुमान लेना होगा।