बेंगलुरु में इस सीज़न का सबसे लंबा सूखा दौर रहा है। बेंगलुरु में आखिरी बारिश इस साल जनवरी के शुरुआती दिनों में हुई थी। लंबे समय तक शुष्क रहने के कारण प्री-मानसून के दौरान पारे का स्तर आमतौर पर सामान्य से ऊपर बना रहता है। बता दें, 06 अप्रैल 2024 को शहर का अधिकतम तापमान 37.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। हालांकि, पिछले सप्ताह के लास्ट में तापमान में थोड़ी राहत मिली थी, जब लगातार दो दिनों तक अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया था। वहीं, इस सप्ताह के बीच के दिनों में राहत की बारिश हो सकती है, लेकिन इससे पहले तापमान दोबारा से बढ़ने की संभावना है।
दक्षिण भारत में प्री-मानसून गतिविधि: इस मौसम में दक्षिण प्रायद्वीप(भारत) के अधिकांश अंदर के हिस्सों में किसी भी तरह की जरूरी प्री-मानसून गतिविधि नहीं होती है। सिलिकॉन शहर अब तक प्री-मानसून बारिश से पूरी तरह से चूक गया है। मुख्य ट्रिगर, प्रायद्वीपीय भारत ट्रफ अब तक निष्क्रिय बना हुआ है। साथ ही यह ट्रफ अपनी सामान्य स्थिति से बहुत दूर चला गया है। हालांकि, इस मौसमी विशेषता के अपने सामान्य स्थान पर स्थित होने के साथ प्रायद्वीपीय(दक्षिण) भारत के आंतरिक भागों में प्री-मानसून गतिविधि शुरू होने के संकेत मिल रहे हैं।
बारिश की संभावना बढ़ी: मध्य महाराष्ट्र पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक उत्तर-दक्षिण ट्रफ इसे कोमोरिन क्षेत्र पर एक अन्य चक्रवाती परिसंचरण से जोड़ रहा है। जो कर्नाटक और केरल से होकर गुजर रहा है, साथ यह ट्रफ अपनी सामान्य स्थिति से थोड़ा पश्चिम दिशा में है। बता दें, 17 अप्रैल सें दक्षिण भारत के अंदर के हिस्सों में ट्रफ रेखान के अपनी सामान्य स्थिति में जाने की संभावना है। वहीं, समुद्र तट के दोनों ओर एक प्रतिचक्रवात नम हवाओं को बढ़ावा देने में मदद करेगा। पठारी प्रभाव से बेंगलुरू में इस मौसम की प्री-मानसून गतिविधि शुरू होने की संभावना और बढ़ जाएगी।
बारिश होने पर सूखा होगा खत्म: उत्तर-दक्षिण ट्रफ रेखा दक्षिण तेलंगाना, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, केरल से होते हुए कोमोरिन क्षेत्र तक पहुंचेगी। उचित मात्रा में नमी और तापमान के कारण 18 व 20 अप्रैल 2024 के बीच बेंगलुरु शहर में बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। वहीं, अगर बारिश होती है तो तकनीकी शहर बेंगलुरु और उपनगरों में लबे समय से बना हुआ शुष्क मौसम का दौर खत्म हो जाएगा। लेकिन, गतिविधि (बारिश, आँधी, ओले, तेज हवाएं) अधिकतर दोपहर/ शाम के समय होगी, जिससे तापमान अभी भी 34-35 डिग्री सेल्सियस के करीब तक बढ़ सकता है। हालांकि, बारिश बहुत तेज़ नहीं होगी। लेकिन लंबे समय से चली आ रही सूखे की स्थिति को खत्म करने के लिए अच्छी होगी। जलग्रहण क्षेत्रों में कुछ अच्छी बारिश भी हो सकती है जिससे जलस्रोतों का स्तर बढ़ेगा।
फोटो क्रेडिट: वन इंडिया