उत्तर प्रदेश के 16 ज़िले बाढ़ की चपेट में हैं, इस वजह से पिछले 48 घंटों के अंदर 16 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। बचाव अभियान जोरों पर है। वायुसेना के हेलिकॉप्टर ललितपुर और झांसी जिले में फंसे 14 लोगों के लिये बचाव अभियान चला रही है।
इसके साथ ही, राज्य भर में बाढ़ से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की तादाद अब 200 का आंकड़ा पार कर चुकी है। ख़बरों के मुताबिक, शाहजहांपुर सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित जिला है। इसके बाद सीतापुर, झांसी, अमेठी और औरेया का नंबर है।
स्काईमेट वेदर के अनुसार, बाढ़ की स्थिति में किसी राहत की उम्मीद नहीं हैं क्योंकि राज्य के अधिकांश इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक राज्य के पश्चिमी और केंद्रीय इलाकों में अगले 48 घंटों के दौरान भारी बारिश की संभावना है।
आगरा, अलीगढ़, इलाहाबाद, अम्बेडकर नगर, अमेठी, औरय्या, आजमगढ़, बदायूं, बागपत, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बांदा, बाराबंकी, बरेली, बस्ती, बिजनौर, बुलंदशहर, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, एटा, इटावा, फैजाबाद , फ़रुखाबाद, फतेहपुर, फिरोज़ाबाद, गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, गाज़ीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हमीरपुर, हापुड़ , हरदोई, जालौन, जौनपुर, झांसी, ज्योतिबा फुले नगर, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, कांशीराम नगर, कौशाम्बी, खीरी, कुशीनगर, ललितपुर, लखनऊ, महामाया नगर, महोबा, महाराजगंज, मैनपुरी, मथुरा, मऊ, मेरठ, मिर्जापुर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, सहारनपुर, संभल, संत कबीर नगर, संत रविदास नगर (भदोही) , शाहजहांपुर, शामली, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सोनभद्र, सुल्तानपुर, उन्नाव और वाराणसी जैसी जगहों पर भारी बारिश हो सकती है।
पिछले एक हफ्ते से, मानसून की अक्षीय रेखा उत्तर प्रदेश से होते हुये गुजर रही है, जो उत्तर और दक्षिण दिशा में फैली हुई है। इसके अलावा, दो चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र भी ट्रफ पर मौजूद हैं। पहला, हरियाणा और आसपास के पश्चिमी मध्यप्रदेश और पश्चिमी उत्तरप्रदेश के इलाकों पर और दूसरा, उत्तर प्रदेश के मध्य भागों और उससे सटे उत्तर मध्य प्रदेश के आस-पास।
इसके चलते, उत्तर प्रदेश और नेपाल के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हो रही है।
पिछले एक सप्ताह से, बरेली में भारी से बहुत भारी मानसूनी बारिश दर्ज की गयी है। झांसी में भी कई बार 100 मिमी का आंकड़ा पार हो चुका है। लखनऊ, कानपुर और हरदोई जैसे केंद्रीय क्षेत्र के अन्य जिलों में भी भारी से बहुत भारी बारिश हुई है।
इन मूसलाधार बारिश के चलते घाघरा, कोसी और बेतुल जैसे कई स्थानीय जल निकायों में पानी लगातार बढ़ रहा है, जो अब खतरे के स्तर के करीब या उससे ऊपर पहुंच चुका है।
अब भी, उत्तर प्रदेश के मध्य इलाकों में एक चक्रवाती हवाओं का छेत्र मौजूद होने के साथ-साथ मानसून की अक्षीय रेखा भी उत्तर प्रदेश के ऊपर बरक़रार रहने की संभावना है, जिसके चलते अगले 48 घंटों तक भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।