पिछले कुछ दिनों से मौसम की गतिविधियां काफी हद तक उत्तर भारत और ज्यादा पहाडों तक ही सीमित हैं। सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम और नागालैंड जैसे पूर्वोत्तर राज्यों के ऊपरी हिस्सों में भी छिटपुट बारिश हुई। वहीं, देश के दक्षिणी और मध्य भागों में ज्यादातर शांति बनी रही। प्रायद्वीपीय भारत में किसी भी पूर्व मानसून गतिविधि का कोई संकेत नहीं था। मध्य और पूर्वी भागों में प्री-मानसून गतिविधि के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल रूप से विकसित हो रही हैं। यहां तक कि दक्षिणी हिस्से में अगले सप्ताह के आखिर में संवहन(गर्म से ठंड की स्थिति) गतिविधि में आ जाएंगे।
बेमौसम तूफान के साथ ओलावृष्टि: प्रायद्वीपीय भारत के आंतरिक भागों और मध्य भागों में गर्मी बढ़ रही है। जबकि, रायलसीमा क्षेत्र 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक पारे के साथ सबसे गर्म हो गया है। ज्यादातर मध्य और पूर्वी हिस्से उच्च 30 डिग्री पर बने हुए हैं। हीट फैक्टर प्री मॉनसून की शुरुआत का समर्थन कर रहा है। आने वाले दिनों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में बेमौसम तूफान के साथ ओलावृष्टि होगी।
तूफान की गतिविधि की संभावना: देश के मध्य भागों पर गर्मी के बुलबुले मध्य क्षेत्र से होकर उत्तर-दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में मौसमी ट्रफ को सक्रिय कर रहे हैं। मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और इससे सटे मध्य प्रदेश, व गुजरात के हिस्सों पर भी क चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन रहा है। देश के पूर्वी मौर्च बंगाल की खाड़ी का प्रतिचक्रवात पश्चिमी भागों, ओडिशा व उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों पर जा रहा है। मौसम प्रणाली की यह विशेषता मध्य क्षेत्र के अंदरूनी हिस्सों में नम हवा को पंप करेगी। इससे परिवर्तित(बदली) हवाओं का क्षेत्र बनने की संभावना है, जिससे तूफान की गतिविधियां शुरू हो जाएंगी।
तेज आँधी के साथ ओलावृष्टि की संभावना: देश के पूर्वी हिस्से, मध्य भागों के साथ पूर्व मध्य प्रदेश, विदर्भ, दक्षिण छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 16 मार्च से हल्की और छिटपुट मौसमी गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। इस दौरान कुछ गैप के साथ गतिविधियो का प्रसार सीमित हो सकता है। अगले 5 दिनों में 20 मार्च तक मौसमी गतिविधियों की तीव्रता और कवरेज बढ़ेंगी। 18 से 20 मार्च के बीच आंधी और ओलावृष्टि ज्यादा तेज हो सकती है। ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल के इलाकों में तेज तूफानी गतिविधियों की संभावना है, लेकिन गतिविधियाँ ज्यादातर दोपहर और शाम के समय होंगी।