देश के मध्य और पूर्वी हिस्सों में बेमौसम मौसमी गतिविधियां सामने आ रही हैं। बेमौसम गतिविधियों की हल्की शुरुआत कल से होगी। बाद में बेमौसम गतिविधियाँ की तीव्रता और प्रसार बढ़ जाएगा। वहीं, समुद्र के किनारे के पास बन रहा एंबेडेड सर्कुलेशन खराब मौसम को पूर्वी राज्यों के अंदर तक खींच लेगा। जिससे क्षेत्र में विनाशकारी बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाएं चलेंगी, ये मौसमी गतिविधियां खड़ी फसलों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही हैं। जिसका खामियाजा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड और तटीय आंध्र प्रदेश को भुगतना पड़ेगा। तेलंगाना, विदर्भ और पूर्वी मध्य प्रदेश के मुख्य क्षेत्र से थोड़ी दूरी पर स्थित क्षेत्रों में मौसमी गतिविधियों का ज्यादा असर होगा।
ऐसे खत्म हो सकती है गर्मी: दक्षिण भारत के अंदरूनी हिस्सों में मानसून से पहले की गर्मी बड़े पैमाने पर बढ़ रही है। हालांकि, आंतरिक ओडिशा, दक्षिण छत्तीसगढ़ और गंगीय पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों बढ़ती गर्मी के असर से बचे हुए हैं। यहां तक कि उत्तरी तेलंगाना के गर्मी वाले क्षेत्रों में अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आने वाले सप्ताह में मौसमी गतिविधियों के बेमौसम दौर के कारण इस क्षेत्र से सामान्य गर्मी की लहर खत्म हो सकती है।
इन क्षेत्रों में भी होगा असर: बेमौसम गतिविधियाँ महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश पर खाड़ी के प्रतिचक्रवात और शुष्क परिसंचरण से आने वाली हवाओं के साथ शुरू होती है। जो कल 16 मार्च को विदर्भ, दक्षिण छत्तीसगढ़ और ओडिशा के अंदरूनी हिस्सों में हल्की गतिविधि के साथ शुरू होगी। बता दें, बेमौसम गतिविधियों का अगले दो दिनों में स्थान और समय बढ़ेगा, जो बाद में विदर्भ, पूर्वी मध्य प्रदेश, दक्षिण छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल तक फैल जाएगा।
22 मार्च को छटेंगे बादल: लास्ट में 19 मार्च को एक इन-सीटू चक्रवाती परिसंचरण ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के ट्राइजंक्शन पर दिखाई देने की संभावना है, जो आस-पास के क्षेत्रों में अपना असर दिखाएगा। वहीं, एक काफी मजबूत मौसम प्रणाली पूर्व की ओर बढ़ रही है, जो 20 मार्च को गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों तक पहुंच जाएगी। मौसम की गतिविधि दो दिन, 19 और 20 मार्च को चरम पर होगी। अगले दिन इसके कम होने की संभावना है, क्योंकि परिसंचरण उत्तरी बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रहा है। 22 मार्च से व्यापक मंजूरी की उम्मीद की जा सकती है।
भारी ओलावृष्टि, बरतें सावधानी: 19 और 20 मार्च को मौसम गतिविधि तेज होकर अन्य क्षेत्रों में बढ़ेंगी। इन क्षेत्रों में सामान्य प्री-मानसून गतिविधि की उम्मीद की जा रही है। तेज़ तूफ़ान, तेज़ बिजली गिरना, तेज़ हवाएँ और भारी बारिश इन राज्यों के बड़े हिस्से को प्रभावित करेगी। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि से स्थिति और खराब हो जाएगी। किसानों को खड़ी फसलों के नुकसान का जोखिम उठाना पड़ेगा। खेतों में जलभराव और बड़ी फसलें बर्बाद होने की काफी संभावना है। बता दें, खुले मैदान में काम करते समय लोग बिजली गिरने से बचने के लिए सावधानी बरतें और नुकसान को कम करने के लिए एहतियाती उपाय अपनाएं।
फोटो क्रेडिट: बिजनेस स्टैंडर्ड