Skymet weather

निम्न दबाव का असर, पूर्व, मध्य और पश्चिमी भारत में मानसून फिर से सक्रिय

September 25, 2024 7:01 PM |

चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से कल 24 सितंबर को उत्तर-पश्चिम और पश्चिमी बंगाल की खाड़ी (BoB) के हिस्सों में एक निम्न दबाव क्षेत्र बन गया। यह मौसम प्रणाली पहले ही समुद्र तट के अंदर प्रवेश कर चुकी है। और आगे दक्षिण ओडिशा, दक्षिण छत्तीसगढ़, उत्तरी तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश के अंदरूनी इलाकों में पहुंचेगी। फिर अंत में मध्य प्रदेश, उत्तरी मध्य महाराष्ट्र और दक्षिण-पूर्व राजस्थान के ट्राई-जंक्शन के बाहरी हिस्सों तक पहुंचेगी। इसके बाद यह मौसम प्रणाली उत्तरी एमपी और दक्षिण पश्चिम यूपी की ओर मुड़ जाएगी। इसके अलावा यह मौसम प्रणाली कमजोर हो जाएगी और उत्तर प्रदेश व बिहार के तलहटी के साथ-साथ आगे बढ़ेगी।

निम्न दबाव क्षेत्र का अगले चार दिनों का सफर:  यह निम्न दबाव क्षेत्र ओडिशा के अंदरूनी हिस्सों से लेकर उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश तक यात्रा करते हुए लगभग चार दिन बिताएगा। यह प्रणाली अपनी पश्चिमी सीमा पर सामान्य से अधिक समय तक बनी रहेगी, क्योंकि राजस्थान और उत्तरी पंजाब-हरियाणा के मैदानी इलाकों में मानसून पीछे हटने की स्थिति में है।

पूर्व, मध्य और पश्चिमी भारत में व्यापक बारिश:  अगले 3-4 दिनों में देश के पूर्वी, मध्य और पश्चिमी हिस्सों में व्यापक बारिश और गरज के साथ बौछारें होने की संभावना है। विशेष रूप से दो इलाके गंभीर मौसम गतिविधियों का सामना करेंगे। पहला, कोंकण तट (मुंबई सहित),  मध्य महाराष्ट्र,  दक्षिणी तटीय गुजरात और सौराष्ट्र के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होगी। दूसरा, उत्तर प्रदेश और बिहार की तलहटी, सब-हिमालयन पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भी गंभीर मौसम गतिविधि का असर देखने को मिलेगा, क्योंकि मानसून ट्रफ इस क्षेत्र में शिफ्ट हो रहा है।

मौसम के खतरनाक हालात, नेपाल में भी असर: गंभीर मौसम इन दोनों इलाकों में खतरनाक स्थिति पैदा करेगा। कोंकण और गुजरात क्षेत्र में खतरनाक मौसम के कारण संचार और कनेक्टिविटी बाधित हो सकती है। साथ ही रेल, सड़क और हवाई यातायात एक साथ प्रभावित हो सकते हैं। वहीं, तलहटी के क्षेत्रों में खराब मौसम नेपाल और आसपास के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश का कारण बनेगा। इससे नदियों में जलस्तर बढ़ेगा और पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा बिहार की नदियों की स्थिति और बिगड़ सकती है। नेपाल और तलहटी से निकलने वाली नदियों का जलस्तर और अधिक बढ़ने की संभावना है। पानी से भरे बांधों और जलाशयों से पानी छोड़े जाने पर स्थिति और खराब हो सकती है।

सुधार की उम्मीद, मानसून वापसी में देरी:  मौसम की स्थिति में 28 सितंबर के बाद से सुधरने की संभावना है, लेकिन जलाशय और नदियाँ बारिश के खत्म होने के बाद भी प्रतिक्रिया देती रहेंगी। इन दोनों क्षेत्रों कोंकण और गुजरात में हो रही मौसम गतिविधियों से मानसून की वापसी में भी देरी होगी, जो कल से पश्चिमी और उत्तरी मैदानी इलाकों में शुरू हुई थी।






For accurate weather forecast and updates, download Skymet Weather (Android App | iOS App) App.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Other Latest Stories







latest news

Skymet weather

Download the Skymet App

Our app is available for download so give it a try