मध्य अप्रैल तक सुहावने मौसम के बाद गर्मी ने अचानक प्रचंड रूप अख़्तियार किया और दिल्ली सहित उत्तर भारत के अनेक हिस्से अब भीषण गर्मी की चपेट में हैं। 19 अप्रैल को दिल्ली में 40.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया जो सामान्य से 4 डिग्री अधिक है। सामान्य से 5 डिग्री अधिक 26 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ 20 अप्रैल की सुबह भी काफी गर्म रही।
राष्ट्रीय राजधानी के साथ-साथ समूचे उत्तर और उत्तर-पश्चिम भारत में 2 दिन की गर्मी ने ही बेचैनी बढ़ा दी है। पश्चिमी राजस्थान और गुजरात के कुछ भागों में लू का भी प्रकोप शुरू हो गया है। गुजरात का कांडला बन्दरगाह कल पूरे भारत में सबसे अधिक गर्म स्थान रहा, जहां पारा 44.6 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। अनुमान है कि गर्मी का ये दौर अप्रैल के अंत तक जारी रहेगा। दिल्ली में 20 और 21 अप्रैल को भी पारा 40 के आसपास ही रहेगा। 22 अप्रैल को इसमें कुछ कमी आएगी लेकिन विशेष राहत नहीं मिलेगी।
स्काईमेट के अनुसार मई के आरंभ में मौसम में कुछ बदलाव की स्थितियाँ दिखाई दे रही हैं। मई 1 से अगले कुछ दिनों के दौरान उत्तर भारत में अलग अलग दिन अलग अलग जगहों पर बादल छाने और हल्की से मध्यम वर्षा होने के आसार हैं। यानि की उत्तर भारत के लोगों को 30 अप्रैल तक गर्मी से बचाव के उपाय कर लेने चाहिए। इसके बाद मई के आरंभ में होने वाली प्री-मॉनसून वर्षा से लोगों को राहत ज़रूर मिल सकती है।
देर से शुरू हुआ गर्मी का दौर
गर्मी समान्यतः 15 मार्च के बाद से धीरे-धीरे बढ़ने लगती है। अप्रैल के मध्य तक उत्तर और मध्य भारत के भागों में गर्मी अपना पैर पसार लेती है, लेकिन इस बार सही मायने में गर्मी की शुरुआत 15 अप्रैल के बाद से हुई है। राजधानी दिल्ली के आंकड़ों पर ही नज़र डालें तो 17 अप्रैल तक पारा सामान्य के आंकड़े को नहीं छू सका। इस वर्ष 18 अप्रैल को पहली बार सामान्य से 2 डिग्री अधिक 38 तो 19 को 4 डिग्री अधिक 40.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।