दक्षिण चीन सागर में सुपर टाइफून 'यागी' 19.4°N और 112°E के आसपास केंद्रित है। यह चीन के सबसे दक्षिणी प्रांत हाइनान (हैनान) से कुछ ही दूरी पर पहुंच गया है। तूफ़ान यागी हनोई (वियतनाम) से लगभग 650 किमी की दूरी पर है, जो हाइनान(चीन) के बाद इसका अगला पड़ाव है। अभी यह तूफान पश्चिम-उत्तर-पश्चिम ट्रैक पर हाइनान द्वीप के पास पहुंच रहा है।
सेटेलाइट इमेज से साफ स्थिति: सेटेलाइट इमेजरी में देखा जा सकता है कि तूफान का बादल समूह बहुत ही व्यवस्थित है और इसके चारों ओर सिमेट्रिकल बादलों का रैडियल आउटफ्लो दिखाई दे रहा है। तूफान की शक्ति इसके स्पष्ट और गोल ‘आई’ से प्रकट होती है, जो घने बादलों से घिरी हुई है। बता दें, हाइनान में दूसरी बार भूमि पर आने के बाद यागी तूफान टोंकिन की खाड़ी में प्रवेश करेगा। बता दें, हाइनान से गुजरने के दौरान जमीन के संपर्क में आने से इसकी ताकत थोड़ी कम हो सकती है। लेकिन, टोंकिन की खाड़ी के गर्म पानी से यह फिर से ऊर्जा प्राप्त कर सकता है।
दक्षिण चीन में विनाशकारी तूफान की दस्तक: इस साल का सबसे शक्तिशाली तूफान यागी दक्षिण चीन की ओर बढ़ रहा है। इस सुपर टाइफून के जल्द ही हाइनान द्वीप पर लैंडफॉल करने की संभावना है। बता दें, हाइनान द्वीप चीन का एक फेमस पर्यटक स्थल है। यागी के खतरें को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने ट्रेन, नावें और उड़ानें लगातार दूसरे दिन प्रांत में स्थगित कर दी हैं। इस हफ्ते की शुरुआत में उत्तरी फिलीपींस में भारी तबाही मचाने के बाद टाइफून यागी ने अपनी ताकत दोगुनी कर ली है। वर्तमान में इस तूफान की हवाएँ 250 किमी/घंटा से अधिक की रफ्तार से चल रही हैं और यह विनाशकारी नुकसान करने की क्षमता रखता है।
वियतनाम में तीसरी बार लैंडफॉल: टोंकिन की खाड़ी को पार करने के बाद तूफान यागी शनिवार देर रात उत्तरी वियतनाम में तीसरी बार लैंडफॉल करेगा, हालांकि तूफान तब तक थोड़ा कमजोर हो चुका होगा। वियतनाम और लाओस के पहाड़ी इलाकों के संपर्क में आने से तूफान तेजी से कमजोर हो जाएगा। इसके बाद यह तूफान अपने अवशेषों के साथ पश्चिम की ओर बढ़ते हुए म्यांमार की ओर जाएगा, जहाँ यह अगले 48 घंटों में पहुँच सकता है।
बंगाल की खाड़ी में यागी के अवशेष: अंत में यागी तूफान का बचा हिस्सा (अवशेष) उत्तरी बंगाल की खाड़ी में प्रवेश करेगा। जहाँ यह एक कॉम्पैक्ट चक्रवाती परिसंचरण के रूप में परिवर्तित हो जाएगा। यागी तूफान 10-11 सितंबर को उसी क्षेत्र में पहले से मौजूद निम्न दबाव क्षेत्र के साथ विलीन मिल जाएगा। तूफान के निम्न दबाव क्षेत्र में मिलने से पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और बांग्लादेश में मानसूनी गतिविधियाँ(बारिश, तेज हवाएं, आँधी, बिजली चमकना आदि) बढ़ जाएंगी। इसीलिए, पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश के साथ-साथ पूर्वी राज्यों को इस तूफान के प्रभाव से सतर्क रहना चाहिए।