बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के ऊपर जुड़वां मौसम प्रणालियाँ, केरल से आंध्र तक भारी बारिश

October 10, 2024 1:41 PM | Skymet Weather Team

भारत दोहरी मार झेलने को तैयार है क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के ऊपर दो मौसम प्रणालियाँ विकसित हो रही हैं। स्काईमेटवेदर ने लक्षद्वीप और उससे सटे दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने को लेकर अलर्ट जारी किया है। इस प्रणाली के अगले 3-4 दिनों के भीतर, 12 या 13 अक्टूबर तक मध्य अरब सागर के ऊपर एक दबाव प्रणाली में तब्दील होने की उम्मीद है।

बंगाल की खाड़ी में बन रही चक्रवातीय स्थिति: इसके साथ ही, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और इससे सटे श्रीलंका पर एक और चक्रवाती परिसंचरण बन रहा है। हमारा अनुमान है कि यह प्रणाली 12 अक्टूबर तक दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव क्षेत्र में विकसित हो जाएगा। इसके बाद निम्न दबाव क्षेत्र के पूर्वी भारत के तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ने और 16 अक्टूबर के आसपास आंध्र प्रदेश में लैंडफॉल करने की संभावना है। इसके बाद यह दक्षिणी प्रायद्वीप को पार करके 18 अक्टूबर तक दक्षिण कोंकण और गोवा के तटों पर निम्न दबाव प्रणाली के रूप में उभर सकता है।

अरब सागर के सिस्टम से प्रभावित क्षेत्र: इन जुड़वां मौसम प्रणालियों  का भारत के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण असर होने की उम्मीद है। अरब सागर के ऊपर विकसित हो रही मौसम प्रणाली के कारण केरल, लक्षद्वीप और तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। अगले 2-3 दिनों के दौरान कोंकण और गोवा में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। इस अवधि के दौरान गुजरात के दक्षिणी जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। हालाँकि, यह प्रणाली तट से दूर उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ सकती है।

बंगाल की खाड़ी के सिस्टम का असर: दूसरी ओर, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बन रही निम्न दबाव प्रणाली तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटीय हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा ला सकती है। 15 अक्टूबर के आसपास तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय तमिलनाडु, तेलंगाना और दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में बारिश की गतिविधि तेज होने की संभावना है। इसके बाद 16 और 17 अक्टूबर के बीच बारिश बेल्ट तेलंगाना, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण महाराष्ट्र की ओर शिफ्ट हो सकती है।

चक्रवात बनने की संभावना कम, सतर्कता आवश्यक: हालांकि, इन मौसम प्रणालियों के चक्रवात में बदलने की संभावना कम दिख रही है। फिर भी इन मौसम प्रणालियों के रास्ते में आने वाले तटीय राज्यों और क्षेत्रों सतर्क रहने और आवश्यक सावधानी बरतने की अपील की जाती है। मौसम विशेषज्ञों की टीम मौसम की स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं समय-समय पर आवश्यकतानुसार अपडेट दिया जाएगा।

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