गुजरात के कई जिलों में भारी बारिश ने कहर बरपाया है, जिससे कई लोगों की मौत हो गई है और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पिछले 48 घंटों में हुई भारी बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ और जलभराव हो गया है। सरदार सरोवर बांध में बढ़ते जल स्तर के कारण प्रशासन को नर्मदा नदी में 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा। जिससे भरूच के निचले इलाकों में रहने वाले लगभग 280 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
बारिश से प्रभावित जिले: बारिश से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में बनासकांठा, साबरकांठा, अहमदाबाद, अरावली, खेड़ा, अहमदाबाद, आनंद, पंचमहल, दाहोद, महिसागर, वडोदरा, छोटा उदेपुर, डांग, तापी, सूरत, नर्मदा, भरूच, नवसारी और वलसाड शामिल हैं। इन जिलों में मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। इसीलिए निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को तुरंत निकाला जा रहा है।
मौसम प्रणाली और भारी बारिश: उत्तर गुजरात पर गहरा दबाव धीरे-धीरे गुजरात क्षेत्र में पश्चिम दक्षिण-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद है। जो 29 अगस्त की सुबह तक सौराष्ट्र, कच्छ तट और पाकिस्तान के आसपास के इलाकों और उत्तर-पूर्व अरब सागर तक पहुंच जाएगा। इसके चलते भारी से बहुत भारी हो सकती है। वहीं, अगले 24 घंटों तक सौराष्ट्र और कच्छ में बारिश जारी रहने का अनुमान है। हालांकि, 27 अगस्त की शाम तक गुजरात के पूर्वी जिलों में बारिश की तीव्रता कम होने की उम्मीद है।
विभिन्न शहरों में वर्षा का आंकड़ा: राजकोट में 318 मिमी की असाधारण भारी बारिश दर्ज की गई है, जबकि अहमदाबाद में 138 मिमी बारिश हुई। नलिया और द्वारका में 105 मिमी बारिश हुई। इसके बाद पोरबंदर में 63 मिमी, ओखा में 98 मिमी, कांडला में 78 मिमी और सूरत में 47 मिमी बारिश हुई।
अगस्त में गुजरात के लिए आखिरी बारिश: भारी बारिश का यह दौर अगस्त में गुजरात के लिए आखिरी बारिश होने की संभावना है। आमतौर पर मानसून 17 सितंबर के आसपास राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों से वापस जाना शुरू हो जाता है। 29 अगस्त के बाद कम से कम एक सप्ताह तक गुजरात में कोई जरूरी मौसम गतिविधि की उम्मीद नहीं है। बता दें, बारिश की कमी से बाढ़ के पानी को घटने में मदद मिलेगी और जन-जीन सामान्य हो सकेगा।
फोटो क्रेडिट: इंडियन एक्सप्रेस