राजस्थान में अगले सप्ताह बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं। पिछली बारिश हुई बारिश की तूलना में इस बार पूर्वी राजस्थान में भीषण मानसूनी गतिविधि की संभावना है। लगातार हो रही बारिश से कुछ इलाकों में जलभराव की समस्या हो सकती है,जिससे कनेक्टिविटी और आवागमन पर असर होगा। बता दें, राजस्थान के कुछ हिस्से पहले से ही लगातार भरपूर बारिश हुई है।
कई इलाकों में औसत से ज्यादा बारिश: बांसवाड़ा, डूंगरपुर और सिरोही जैसे दक्षिणी भागों को छोड़कर राजस्थान के अधिकांश जिलों में औसत से ज्यादा बारिश हुई है, जो 50%-60% तक अधिक है। वहीं, कुछ इलाके जैसे टोंक और जैसलमेर में 100% से अधिक बारिश हो चुकी है। मानसून में औसत से अधिक बारिश राजस्थान जैसे कम बारिश वाले राज्य के लिए बहुत दुर्लभ घटना है।
राज्य के पास मानसून ट्रफ की स्थिरता: मानसून ट्रफ पिछले कई दिनों से लगातार राजस्थान के उत्तरी हिस्से में रुका हुआ है। पूर्वोत्तर राजस्थान और दक्षिण हरियाणा पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। यही कारण है कि राजस्थान में ट्रफ की निकटता बनी हुई है। अगस्त के पहले सप्ताह में राजस्थान में भरपूर बारिश हुई है। पहले, पश्चिमी आधा हिस्सा जोरदार मानसून गतिविधि की चपेट में था। अब पिछले कुछ दिनों से मानसूनी गतिविधि राज्य के उत्तरपूर्वी और उत्तरी हिस्सों की ओर बढ़ गई है।
इस जिलों में भारी बारिश: अगले सप्ताह के मध्य तक राजस्थान के पूर्वोत्तर और पूर्वी हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है। हालांकि, इसके बाद बारिश कम हो जाएगी। इस दौरान राज्य के कुछ पश्चिमी हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। जोखिम वाले स्थानों में जयपुर, अलवर, अजमेर, धौलपुर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, कोटा, बूंदी शामिल होंगे। 09 से 14 अगस्त के बीच कई स्थानों पर भारी बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।
इस दिन के बाद कम होगी बारिश: बारिश 12 से 14 अगस्त के बीच बीकानेर, जोधपुर, चूरू और आसपास के हिस्सों को कवर करते हुए सीमा के पास के हिस्सों में फैल जाएगी। वहीं, 15 अगस्त के बाद से मौसम की गतिविधियाँ कम हो जाएंगी। इसके बाद मानसून ट्रफ राजस्थान से थोड़ा उत्तर की ओर शिफ्ट होकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश की पहाड़ियों के करीब आ सकता है। मानसून ट्रफ के साथ-साथ भारी वर्षा बेल्ट भी बदल जाएगी।