इस गर्मी के मौसम में टेक सिटी बेंगलुरु असामान्य रूप से गर्म बना हुआ है। जनवरी की शुरुआत से लंबे समय तक शुष्क रहने के बाद बेंगलुरु में 03 मई को कुछ अच्छी बारिश हुई थी। बता दें, यह पिछले दो दशकों(20 साल) में बेंगलुरु के लिए सबसे शुष्क मौसम रहा है, हाई तापमान लगातार बना हुआ है। 21 अप्रैल से 05 मई के बीच लगातार बेंगलुरु का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर बना हुआ है। गौरतलब है, प्रचंड गर्मी के इस लंबे दौर में 5 मौकों पर पारा 38 डिग्री सेल्सियस के पार गया है।
अप्रैल सबसे गर्म दिन, मई में तूफान: इससे पहले बेंगलुरु शहर में पिछले 50 सालों में अप्रैल का दूसरा सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया था। एचएएल की सिटी वेधशाला में अब तक का सबसे गर्म दिन 28 अप्रैल 2024 को 38.5 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ दर्ज किया गया था। इससे पहले 25 अप्रैल 2016 को सबसे गर्म तापमान 39.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (केआईए) में कई मौकों पर शहर का तापमान ज्यादा रहा है। अप्रैल और मई महीने में बेंगलुरु गर्म रहता है। हालांकि, मई में अक्सर तूफान आ जाते हैं, खासकर महीने के दूसरे भाग के दौरान। असली राहत जून के पहले सप्ताह के आसपास किसी भी समय मानसून आने पर मिलती है।
अच्छी बारिश की उम्मीद: इस सप्ताह बेंगलुरु में अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। 07 और 09 मई को बारिश तेज और उसका प्रसार काफी तेज हो सकता है। यहां तक कि सप्ताहांत और अगले सप्ताह की शुरुआत में 12 और 13 मई को कुछ मध्यम बारिश की उम्मीद की जा सकती है। ऐसा लगता है कि शहर और उपनगरों में शुष्क मौसम की समस्या खत्म हो गई है। हालांकि, बारिश हर समय भारी नहीं होगी, लेकिन उमस भरी गर्मी कम होने की उम्मीद है।
प्री-मानसून गतिविधि को बढ़ावा: प्रायद्वीपीय भारत(दक्षिण भारत) के अंदरूनी हिस्सों में प्री-मॉनसून ट्रफ के कारण सामान्य तूफान गतिविधि होती है। मौसम प्रणाली के यह सुविधा अब तक एक्टिव नहीं थी। हालाँकि, पूरे दक्षिण भारत क्षेत्र में, सामान्य तौर पर बेंगलुरु में भी मौसमी पैटर्न को फिर से शुरू करने इसे दोबारा एक्टिव किया जा रहा है। एक उत्तर-दक्षिण उन्मुख ट्रफ रेखा मराठवाड़ा से लेकर दक्षिण की ओर कर्नाटक के अंदरूनी हिस्सों तक फैली हुई है। ट्रफ का पूर्व-पश्चिम दोलन ग्रामीण और शहरी बेंगलुरु दोनों में प्री-मानसून गतिविधि को बढ़ाएगा। जलग्रहण क्षेत्रों में कुछ अच्छी बारिश होने की संभावना है, जिससे पानी की समस्या कम से कम आंशिक रूप से दूर हो जाएगी।