तीन दशकों में सबसे कठोर चिल्लई-कलां, कश्मीर में ठंड का कहर जारी

December 30, 2024 5:52 PM | Skymet Weather Team
कश्मीर में जमी डल झील, फोटो: Getty Image

कश्मीर घाटी में सर्दियों के सबसे कठोर दौर ने अपनी पकड़ मजबूत कर ली है, जिसे स्थानीय भाषा में चिल्लई-कलां कहते हैं। घाटी में कड़ाके की ठंड के चलते तापमान रिकॉर्ड स्तर तक गिर गया है। जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में पिछले तीन दशकों की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई, जहां न्यूनतम तापमान -8.5°C तक पहुंच गया। यह पिछले 133 सालों में श्रीनगर में दिसंबर का तीसरा सबसे कम तापमान दर्ज हुआ है। बता दें, जम्मू-कश्मीर में लगभग पिछले एक सप्ताह से न्यूनतम तापमान -6°C से -7°C के बीच बना हुआ है।

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चिल्लई-कलां, सर्दियों का सबसे कठोर दौर: चिल्लई-कलां कश्मीर घाटी में 40 दिनों की सबसे कठोर सर्दियों का दौर है। इस दौरान पूरे क्षेत्र में जलाशय(झीलें, तालाब, पानी के स्रोत) जम जाते हैं और नियमित अंतराल पर भारी बर्फबारी होती है। चिल्लई-कलां 21 दिसंबर से 31 जनवरी तक चलता है। इसके बाद 31 जनवरी से 19 फरवरी यानी 20 दिनों का चिल्लई-खुर्द होता है। इसके बाद 10 दिनों का सबसे छोटा सर्दियों का दौर चिल्लई-बच्चे आता है। गौरतलब है, भीषण ठंड के कारण प्रसिद्ध डल झील जम चुकी है। भारी बर्फबारी के चलते पहले श्रीनगर हवाई अड्डे पर उड़ानें निलंबित हो गई थीं और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी वाहनों का आवागमन बंद कर दिया गया था। हालांकि, अब स्थिति सामान्य हो गई है, लेकिन, सामान्य मौसम की स्थिति बहुत अधिक समय तक नहीं रहेगी।

चिल्लई कलां के दौरान बर्फबारी, फोटो:PTI

आगे के दिनों में भारी बर्फबारी: इस सप्ताह जम्मू-कश्मीर में दो पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है। 01 और 06 जनवरी 2025 के बीच सिस्टम एक साथ चलेंगे, बिना किसी रुकावट के लगभग ओवरलैपिंग करेंगे। नए साल की शुरुआत घाटी और पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी से होती है। इस सप्ताह चिल्लई-कलां का दूसरा सबसे कठोर दौर शुरू होने वाला है। घाटी में सप्ताह की शुरुआत हल्की ठंड से हो सकती है, लेकिन 5 और 6 जनवरी के बीच सर्दी चरम पर होगी। इस दौरान संचार और संपर्क सेवाएं फिर से बाधित हो सकती हैं। श्रीनगर, पहलगाम, गुलमर्ग, काज़ीगुंड और बनिहाल क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बर्फबारी की संभावना है। इससे जम्मू-कश्मीर के अधिकांश हिस्सों में एक बार फिर संचार और कनेक्टिविटी बाधित होने की संभावना है।आने वाले दिनों में श्रीनगर, पहलगाम, गुलमर्ग, काजी गुंड और बनिहाल क्षेत्र में बहुत भारी बर्फबारी हो सकती है।

जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी, फोटो: AP

बर्फबारी के प्रभाव: घाटी में भारी बर्फबारी से जनजीवन पर प्रभाव पड़ेगा। यातायात, बिजली आपूर्ति, और दैनिक जीवन की अन्य गतिविधियों पर बर्फबारी का असर देखा जा सकता है। पर्यटकों के लिए यह बर्फबारी अद्भुत अनुभव हो सकती है, लेकिन स्थानीय निवासियों के लिए यह चुनौतीपूर्ण होगी।

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