कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड को व्यापक वर्षा और बर्फबारी देने के लिए आ रहा है सीजन का पहला सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ

November 12, 2020 7:00 AM | Skymet Weather Team

इस सीजन का पहला सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों को प्रभावित करने के लिए आगे बढ़ रहा है। यह सिस्टम 13 से 16 नवंबर के बीच संपूर्ण पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करने वाला है। इसके प्रभाव से 14 और 15 नवंबर को संपूर्ण कश्मीर घाटी में मध्यम वर्षा और हिमपात की संभावना है। जबकि कुछ इलाकों में भारी बर्फबारी और बारिश के भी आसार हैं। इसके प्रभाव से उत्तर भारत के पर्वतीय और मैदानी इलाकों में सर्दी की वर्तमान स्थिति में व्यापक बदलाव होने की संभावना है।

इस सिस्टम से पहले एक पश्चिमी विक्षोभ 2 नवंबर के आसपास उत्तर भारत के भागों में पहुंचा था और जिसके चलते अनपेक्षित रूप से लाहौल स्पीति समेत हिमाचल प्रदेश में व्यापक बर्फबारी हुई थी। रोहतांग पास में लगभग 20 सेंटीमीटर जबकि बारालाचा पास में 30 सेंटीमीटर की भारी बर्फबारी हुई थी। इसके चलते मनाली-लेह राजमार्ग को सीजन में पहली बार बंद करना पड़ा था। आगामी बारिश और बर्फबारी के कारण भी 14 और 15 नवंबर को सड़क संपर्क प्रभावित हो सकता है। निचले इलाकों में बारिश की संभावना जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार हैं।

वर्ष 2019 में श्रीनगर, अवंतीपुरा, पहलगाम और गुलमर्ग में 6 नवंबर को सीजन की पहली बर्फबारी हुई थी। इसी दौरान मनाली, लाहौल-स्पीति, रोहतांग, गंगोत्री और यमुनोत्री में भी व्यापक वर्षा और हिमपात के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हुआ था और हवाई यातायात प्रभावित हुआ था। शिमला में 2019 में पहला भारी हिमपात 27 नवंबर को हुआ था।

इस साल अब तक उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में कोई उल्लेखनीय मौसमी हलचल नहीं हुई है।

इस साल 1 अक्टूबर के बाद से 11 नवंबर के बीच जम्मू कश्मीर में बारिश और हिमपात की गतिविधियों में 97% की कमी रही है। हिमाचल प्रदेश में 79 फ़ीसदी और उत्तराखंड में 99% की कमी दर्ज की गई है। उत्तर भारत बारिश और हिमपात की व्यापक गतिविधि के लिए अभी भी प्रतीक्षा कर रहा है ताकि सर्दी अपने असली रूप और रंग में आ सके। आगामी पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवाओं के रूप में स्थाई रूप से बदलाव पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक आएगा। यानी सर्दियों का असली रंग जल्द दिखेगा।

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