केरल में 1 जून को दक्षिण-पश्चिम मानसून 2024 के दस्तक देने की संभावना

May 16, 2024 4:02 PM | Skymet Weather Team

इस साल केरल में 'दक्षिण-पश्चिम मानसून-2024' की शुरुआत की तारीख +/- 3 दिनों के त्रुटि मार्जिन के साथ 01 जून होने की उम्मीद है। मानसून शुरुआत की तारीख के लिए विभिन्न क्षेत्रों में तापमान, हवाएं और ओएलआर जैसे वैश्विक मापदंडों के अलावा, भारतीय समुद्र में बनने वाली स्थितियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

पिछले साल के उलट, दुनिया भर में खास कर दक्षिणी गोलार्ध और दक्षिण भारत में मानसून को रोकने वाला कोई एक्टिव चक्रवात नहीं है। एकमात्र 'निवेश' क्षेत्र पश्चिम में मेडागास्कर के पास है, जिसका कोई असर पड़ने की संभावना नहीं है। हालाँकि, अरब सागर के बीच के भागों में वायुमंडल के निचले स्तर पर एक प्रतिचक्रवात बना हुआ है।

मौसम प्रणाली की यह विशेषता अरब सागर से पश्चिमी तट तक मानसून प्रवाह को बिना किसी रुकावट बढ़ने में सहायता करती है। हालाँकि,  इस प्रतिचक्रवात के नरम होने और मई के अंतिम सप्ताह के दौरान बड़े पैमाने पर मानसून परिसंचरण में शामिल होने की संभावना है।

मध्यम आयाम के साथ हिंद महासागर से पूर्व की ओर फैल रहे 'मैडेन-जूलियन ऑसिलेशन' (एमजेओ) के बढ़े हुए चरण के प्रभाव में, मई के आखिर तक बंगाल की खाड़ी में साइक्लोजेनेसिस के लिए परिस्थितियाँ बनती जा रही हैं। यह मौसम प्रणाली तेज होने के लिए कोशिश कर सकती है। लेकिन, केरल-कर्नाटक तट के साथ-साथ भूमध्य रेखा के पार मानसून को आगे खींचने के लिए भरपूर मजबूत होगी।

जमीन पर मानसून की शुरुआत में सात दिनों का मानक विचलन होता है। इसका मतलब यह है कि मानसून के आने की तारीख में औसतन सात दिनों का उतार-चढ़ाव हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी साल मानसून 1 जून को आता है, तो अगले साल यह संभव है कि मानसून 25 मई से लेकर 8 जून के बीच कभी भी आ सकता है।

यह सात दिनों का मानक विचलन बताता है कि मानसून के आगमन की तिथि में कुछ दिनों की देरी या जल्दी हो सकती है, जो सामान्य रूप से सात दिनों के अंदर होती है। पिछले 10 सालों में 2018 और 2022 में मानसून का आगमन 29 मई को हुआ था, जबकि 2019 और 2023 में मानसून सबसे देर से 08 जून को आया था।

CFS आधारित मौसम मॉडल्स का सुझाव है कि 1 जून 2024 के आसपास भूमध्य रेखा के पार प्रवाह बढ़ेगा और समुद्री स्थितियाँ मजबूत मानसून की लहर के लिए अच्छी होंगी। इसका मतलब यह है कि 1 जून 2024 के आसपास मानसून के आने और इसके जोर पकड़ने के लिए मजबूत परिस्थतियाँ बन रही हैँ।

भूमध्य रेखा के पार हवा का तेज प्रवाह और समुद्री सतह की अनुकूल परिस्थितियाँ इस बात की ओर इशारा करती हैं कि मानसून का आगमन समय पर और मजबूत तरीके से हो सकता है। केरल-कर्नाटक तट पर और उसके बाहर मौसम गतिविधि की शुरुआत के लिए +/- 3 दिनों की कमी का मार्जिन काफी सामान्य है। 01 जून को मानसून की शुरुआत से पहले लक्षद्वीप, केरल और तटीय कर्नाटक में भारी प्री-मानसून गरज के साथ बारिश होने की उम्मीद है।

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